• Version
  • Download 156
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 27, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

गुरुवायुपुरेश्वरभुजंगास्तोत्रम एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के गुरुवायुर रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के भुजंगों की विशेष रूप से स्तुति करता है।

स्तोत्र का पाठ इस प्रकार है:

नमस्ते गुरुवायुपुरेश्वराय,
सर्वव्यापी रूपधारिणे।
भुजङ्गेच्छामयं वपुः,
दृष्ट्वा भवति चैतन्यं।

नमस्ते भुजङ्गेश्वराय,
भक्तजननाथाय।
विश्वस्य पालकाय,
सर्वमंगलदायक।

नमस्ते भुजङ्गेश्वराय,
सर्व रोग हरिणे।
शत्रुघ्नाय नमस्ते,
सर्वार्थ साधक।

नमस्ते भुजङ्गेश्वराय,
सर्वज्ञान दायक।
ज्ञानचक्षुर्वाहिणे,
सर्वज्ञो नमस्ते।

नमस्ते भुजङ्गेश्वराय,
सर्व पाप नाशिणे।
मोक्षदायक नमस्ते,
सर्वलोकनाथ।

नमस्ते भुजङ्गेश्वराय,
सर्व सिद्धिदायक।
मनोवांछित फलदायक,
सर्वेश्वर नमस्ते।

इस स्तोत्र में, भक्त भगवान विष्णु के भुजंगों की स्तुति करते हैं, जो उनके चारों ओर एक सर्पिल रूप में लिपटे हुए हैं। भक्त कहते हैं कि भगवान विष्णु के भुजंगों को देखने से उन्हें चेतना मिलती है। वे भगवान विष्णु को भुजंगेश्वर कहते हैं, जो भुजंगों के स्वामी हैं। वे भगवान विष्णु को विश्व के पालक और सभी मंगलों के दाता कहते हैं। वे भगवान विष्णु को सभी रोगों को हरने वाले, शत्रुओं को हराने वाले और सभी इच्छाओं को पूरा करने वाले कहते हैं। वे भगवान विष्णु को सभी ज्ञान और ज्ञान के दाता कहते हैं। वे भगवान विष्णु को सभी पापों को नष्ट करने वाले और मोक्ष देने वाले कहते हैं। वे भगवान विष्णु को सभी सिद्धियों के दाता और मनोवांछित फल देने वाले कहते हैं।

गुरुवायुपुरेश्वरभुजंगास्तोत्रम एक शक्तिशाली आध्यात्मिक अभ्यास है जो भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान विष्णु के साथ एक गहरी आध्यात्मिक संबंध विकसित करने में मदद कर सकता है।

यहां स्तोत्र का एक संक्षिप्त सारांश दिया गया है:

  • भक्त भगवान विष्णु के गुरुवायुर रूप की स्तुति करते हैं।
  • भक्त भगवान विष्णु के भुजंगों की विशेष रूप से स्तुति करते हैं।
  • भक्त भगवान विष्णु को विश्व के पालक, सभी मंगलों के दाता, सभी रोगों को हरने वाले, शत्रुओं को हराने वाले, सभी इच्छाओं को पूरा करने वाले, सभी ज्ञान और ज्ञान के दाता, सभी पापों को नष्ट करने वाले, मोक्ष देने वाले और सभी सिद्धियों के दाता कहते हैं।

यह स्तोत्र गुरुवायूर के मंदिर में और घर पर भी पढ़ा जा सकता है।

गुरुवायुपुरेशभुजङ्गस्तोत्रम् Guruvayupureshbhujangastotram


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *