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  • Create Date October 27, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

गुरुमारुतपुरधीशस्तोत्रम एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के गुरुवायुर रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु को गुरुवायुर के मंदिर के स्वामी के रूप में दर्शाता है।

स्तोत्र का पाठ इस प्रकार है:

नमस्ते गुरुवायुरनाथाय,
सर्वलोकनाथाय।
सर्वव्यापी रूपधारिणे,
सर्वमंगलदायक।

नमस्ते हरिहरस्वरूपाय,
सर्वपापनाशिणे।
शत्रुघ्नाय नमस्ते,
सर्वार्थ साधक।

नमस्ते नृसिंहस्वरूपाय,
सर्वज्ञो नमस्ते।
नमस्ते वामनस्वरूपाय,
सर्व सिद्धिदायक।

नमस्ते रामकृष्णस्वरूपाय,
मनोवांछित फलदायक।
नमस्ते गोविन्दस्वरूपाय,
सर्वेश्वर नमस्ते।

नमस्ते बालकृष्णस्वरूपाय,
सर्वभक्तवत्सल।
नमस्ते शेषशायीनाय,
सर्वलोकपालक।

नमस्ते अष्टभुजाधारिणे,
सर्वशक्तिमान।
नमस्ते भक्तजननायक,
सर्वलोकनाथ।

नमस्ते गुरुवायुरनाथाय,
सर्वलोकनाथाय।
सर्वव्यापी रूपधारिणे,
सर्वमंगलदायक।

इस स्तोत्र में, भक्त भगवान विष्णु को गुरुवायुर के मंदिर के स्वामी के रूप में नमस्कार करते हैं। वे भगवान विष्णु को सर्वव्यापी रूपधारी, सभी मंगलों के दाता, सभी पापों को नष्ट करने वाले, शत्रुओं को हराने वाले, सभी इच्छाओं को पूरा करने वाले, सभी ज्ञान के दाता, सभी सिद्धियों के दाता और मनोवांछित फल देने वाले कहते हैं। वे भगवान विष्णु को सर्वभक्तवत्सल, सभी लोकों के पालक और सर्वशक्तिमान भी कहते हैं।

गुरुमारुतपुरधीशस्तोत्रम एक शक्तिशाली आध्यात्मिक अभ्यास है जो भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान विष्णु के साथ एक गहरी आध्यात्मिक संबंध विकसित करने में मदद कर सकता है।

यहां स्तोत्र का एक संक्षिप्त सारांश दिया गया है:

  • भक्त भगवान विष्णु को गुरुवायुर के मंदिर के स्वामी के रूप में नमस्कार करते हैं।
  • भक्त भगवान विष्णु को सर्वव्यापी रूपधारी, सभी मंगलों के दाता, सभी पापों को नष्ट करने वाले, शत्रुओं को हराने वाले, सभी इच्छाओं को पूरा करने वाले, सभी ज्ञान के दाता, सभी सिद्धियों के दाता और मनोवांछित फल देने वाले कहते हैं।
  • भक्त भगवान विष्णु को सर्वभक्तवत्सल, सभी लोकों के पालक और सर्वशक्तिमान भी कहते हैं।

यह स्तोत्र गुरुवायूर के मंदिर में और घर पर भी पढ़ा जा सकता है।

स्तोत्र के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:

  • भक्त भगवान विष्णु को गुरुवायुर के मंदिर के स्वामी के रूप में स्वीकार करते हैं। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के साथ भक्तों के संबंध को मजबूत करता है।
  • भक्त भगवान विष्णु की सर्वव्यापीता, शक्ति और दया की प्रशंसा करते हैं। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान विष्णु के प्रति आस्था और भक्ति विकसित करने में मदद करता है।
  • भक्त भगवान विष्णु से उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान विष्णु के मार्गदर्शन और समर्थन के लिए प्रोत्साहित करता है।

यदि आप भगवान विष्णु के भक्त हैं, तो गुरुमारुतपुरधीशस्तोत्रम एक शक्तिशाली और प्रेरणादायक स्तोत्र है जिसे आप पढ़ सकते हैं।

गुरुमरुत्पुराधीशस्तोत्रम् Gurumarutpuradheeshstotram


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