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- Create Date October 10, 2023
- Last Updated October 10, 2023
गायत्री आरती एक भक्ति गीत है जो देवी गायत्री की स्तुति करता है। यह आरती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, और इसे अक्सर पूजा और अनुष्ठानों में गाया जाता है।
गायत्री आरती का पाठ इस प्रकार है:
जयति जयति गायत्री माता, सर्वज्ञे सर्वशक्तिमते। सर्व दुःख शोक हरणी, ज्ञान-विज्ञान प्रदायिनी।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
जयति जयति गायत्री माता, सर्वज्ञे सर्वशक्तिमते। सर्व सुख समृद्धि दात्री, लोक कल्याणकारी।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
जयति जयति गायत्री माता, सर्वज्ञे सर्वशक्तिमते। सर्व मनोरथ सिद्धि दात्री, भक्तजनों की रक्षाकारी।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
गायत्री आरती का अर्थ:
पहला श्लोक:
"हे गायत्री माता, आपकी जय हो, जय हो। आप सर्वज्ञ हैं, आप सर्वशक्तिमान हैं। आप सभी दुःख और शोक को दूर करने वाली हैं, और आप ज्ञान और विज्ञान प्रदान करती हैं।"
दूसरा श्लोक:
"हे गायत्री माता, आपकी जय हो, जय हो। आप सर्वज्ञ हैं, आप सर्वशक्तिमान हैं। आप सभी सुख और समृद्धि प्रदान करती हैं, और आप लोक कल्याण करती हैं।"
तीसरा श्लोक:
"हे गायत्री माता, आपकी जय हो, जय हो। आप सर्वज्ञ हैं, आप सर्वशक्तिमान हैं। आप सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं, और आप भक्तजनों की रक्षा करती हैं।"
गायत्री आरती एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो देवी गायत्री की आराधना करने का एक प्रभावी तरीका है। यह आरती भक्तों को ज्ञान, आध्यात्मिकता और प्रकाश प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
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