• Version
  • Download 693
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 10, 2023
  • Last Updated October 10, 2023

गायत्रीहृदयम् 2, गायत्री मंत्र के आध्यात्मिक अर्थ और महत्व को समझने में मदद करने वाला एक संस्कृत स्तोत्र है। यह स्तोत्र गायत्री मंत्र के प्रत्येक अक्षर का वर्णन करता है और यह भी बताता है कि गायत्री मंत्र कैसे मनुष्य को आध्यात्मिक विकास के मार्ग पर ले जा सकता है।

गायत्रीहृदयम् 2 का पाठ इस प्रकार है:

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्

ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः

ॐ नमो भगवति गायत्रि तुम त्रिगुणात्मका देवी हो तुम ब्रह्मा, विष्णु, और शिव का स्वरूप हो तुम प्रकाश हो, प्रेम हो, और शक्ति हो तुम ज्ञान हो, विवेक हो, और सदाचार हो

ॐ भूः - तुम पृथ्वी हो, जो जीवन का आधार है तुम स्थिरता और धारण शक्ति प्रदान करती हो

ॐ भुवः - तुम आकाश हो, जो जीवन की विशालता है तुम विस्तार और विकास प्रदान करती हो

ॐ स्वः - तुम स्वर्ग हो, जो जीवन की पूर्णता है तुम आनंद और मुक्ति प्रदान करती हो

तत् - वह सवितुर - सूर्य वरेण्यं - सर्वश्रेष्ठ भर्गो - प्रकाश देवस्य - देवता का धीमहि - हम ध्यान करते हैं

धियो - बुद्धि यो - जो नः - हमारी प्रचोदयात् - प्रेरित करे

ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः - शांति, शांति, शांति

गायत्रीहृदयम् 2 के प्रत्येक श्लोक का अर्थ इस प्रकार है:

  • ॐ नमो भगवति गायत्रि - हे गायत्री देवी, हम आपको नमन करते हैं।
  • तुम त्रिगुणात्मका देवी हो - आप ब्रह्मा, विष्णु, और शिव के स्वरूप हैं।
  • तुम प्रकाश हो, प्रेम हो, और शक्ति हो - आप ज्ञान, विवेक, और सदाचार हैं।
  • तुम पृथ्वी हो, जो जीवन का आधार है - आप स्थिरता और धारण शक्ति प्रदान करती हैं।
  • तुम आकाश हो, जो जीवन की विशालता है - आप विस्तार और विकास प्रदान करती हैं।
  • तुम स्वर्ग हो, जो जीवन की पूर्णता है - आप आनंद और मुक्ति प्रदान करती हैं।
  • वह सूर्य है, जो सर्वश्रेष्ठ है - वह परमात्मा है, जो सभी सृष्टि का स्रोत है।
  • हम उसकी बुद्धि में ध्यान करते हैं - हम उस परमात्मा की बुद्धि को अपने भीतर धारण करते हैं।
  • वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे - वह हमें ज्ञान, विवेक, और सदाचार के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करे।
  • ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः - शांति, शांति, शांति।

गायत्रीहृदयम् 2, गायत्रीहृदयम् का एक विस्तारित संस्करण है। यह स्तोत्र गायत्री मंत्र के आध्यात्मिक अर्थ को और अधिक गहराई से समझने में मदद करता है।

गायत्रीहृदयम् 2 को रोजाना सुबह, दोपहर, और शाम के समय किया जा सकता है। इसे किसी भी मंदिर या घर में किया जा सकता है। गायत्रीहृदयम् 2 को एकांत में करना सबसे अच्छा होता है ताकि मन को पूरी तरह से प्रार्थना में लगा सके।

गायत्रीहृदयम् 2 के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  • यह मन को शांत और केंद्रित करता है।
  • यह बुद्धि को बढ़ाता है और ज्ञान प्रदान करता है।
  • यह सदाचार और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है।
  • यह जीवन में कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता देता है।

गायत्रीहृदयम् 2 एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो मनुष्य को आध्यात्मिक रूप से विकसित करने में मदद कर सकती है।


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *