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  • Create Date October 9, 2023
  • Last Updated October 9, 2023
गणेशष्टकम् एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में रचित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान गणेश के एक अलग गुण या विशेषता की स्तुति की गई है।

गणेशष्टकम् का पाठ निम्नलिखित है:

श्रीगणेशाय नमः।

  1. यतोऽनन्तशक्तिरनन्तवीर्यं यतोऽनन्तज्ञानमज्ञाननाशनम्।

भावार्थ:

मैं उस अनंत शक्ति, अनंत वीर्य, और अनंत ज्ञान को प्रणाम करता हूं, जो अज्ञान का नाश करते हैं।

  1. यतो विघ्ननाशो विघ्नसमुद्रोपमो यतो विनायकः सिद्धिदायकः।

भावार्थ:

मैं उस विघ्ननाशक को प्रणाम करता हूं, जो विघ्नों के समुद्र के समान हैं, और जो सिद्धि प्रदान करते हैं।

  1. यतो बुद्धिर्विज्ञानममृतं च यतो नारायणस्ततोऽहम्।

भावार्थ:

मैं उस बुद्धि, विज्ञान, और अमृत को प्रणाम करता हूं, जहां नारायण हैं, वहां मैं भी हूं।

  1. एकदन्तं चतुर्बाहुं लम्बोदरं सूर्पकरं त्रिलोचनम्।

भावार्थ:

मैं उस एकदंत, चार भुजाओं वाले, लम्बोदर, सूर्पधारी, और तीन नेत्रों वाले को प्रणाम करता हूं।

  1. वक्रतुण्डं महाकायं सुरपूज्यं गजवदनं मोदकप्रियम्।

भावार्थ:

मैं उस वक्रतुण्ड, महाकाय, सुरपूज्य, गजमुख, और मोदकों के प्रेमी को प्रणाम करता हूं।

  1. सर्वविघ्नहरं नमस्तुभ्यं वरदेकार्यसिद्धिप्रदायकम्।

भावार्थ:

मैं उस सर्वविघ्नहर को प्रणाम करता हूं, जो वर देने वाले हैं, और जो कार्यों की सिद्धि प्रदान करते हैं।

  1. जय जय गणपति देवा सिद्धिबुद्धिप्रदायक।

भावार्थ:

जय जय गणपति देव, सिद्धि और बुद्धि प्रदान करने वाले।

  1. प्रथमप्रेरणादायकं सृष्टिस्थितिसंहारकारकम्।

भावार्थ:

मैं उस प्रथम प्रेरणा देने वाले, सृष्टि, स्थिति, और संहार करने वाले को प्रणाम करता हूं।

गणेशष्टकम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह भक्तों को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों स्तरों पर सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

स्तोत्र को पढ़ने के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:

  • स्तोत्र को पढ़ने से पहले, भक्त को भगवान गणेश को प्रणाम करना चाहिए और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
  • स्तोत्र को धीरे-धीरे और ध्यान से पढ़ना चाहिए।
  • स्तोत्र को पढ़ते समय, भक्त को भगवान गणेश की छवि या मूर्ति के सामने बैठना चाहिए और उनकी स्तुति करनी चाहिए।

स्तोत्र को नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।


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