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- Create Date October 8, 2023
- Last Updated July 29, 2024
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 12 श्लोकों का है। प्रत्येक श्लोक में, भगवान गणेश की एक विशेषता का वर्णन किया गया है।
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् के 12 श्लोक इस प्रकार हैं:
1. नमस्ते गणपतये वक्रतुण्डाय हवामहे।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे वक्रतुण्ड गणेश!
2. कपिलाय धीमहि तन्नो दंष्ट्रो प्रचोदयात्।
अर्थ: मैं आपके कपिल रंग की पूजा करता हूं, हे गणेश! आपकी सूंड मुझे प्रेरित करे।
3. एकदन्ताय विद्महे।
अर्थ: मैं आपकी एक दांत वाली महिमा को जानता हूं, हे गणेश!
4. महाकायाय धीमहि।
अर्थ: मैं आपके विशाल शरीर की पूजा करता हूं, हे गणेश!
5. विनायकाय नमस्ते नमः।
अर्थ: हे विनायक! मैं आपको नमस्कार करता हूं।
6. सिद्धिविनायकाय नमः।
अर्थ: हे सिद्धिविनायक! मैं आपको नमस्कार करता हूं।
7. बुद्धिविनायकाय नमः।
अर्थ: हे बुद्धिविनायक! मैं आपको नमस्कार करता हूं।
8. मोक्षविनायकाय नमः।
अर्थ: हे मोक्षविनायक! मैं आपको नमस्कार करता हूं।
9. गजाननाय नमः।
अर्थ: हे गजानन! मैं आपको नमस्कार करता हूं।
10. सिद्धिप्रदायकाय नमः।
अर्थ: हे सिद्धिप्रदायक! मैं आपको नमस्कार करता हूं।
11. सर्वार्थसिद्धिदायकाय नमः।
अर्थ: हे सर्वार्थसिद्धिदायक! मैं आपको नमस्कार करता हूं।
12. सर्वकामप्रदायकाय नमः।
अर्थ: हे सर्वकामप्रदायक! मैं आपको नमस्कार करता हूं।
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् का महत्व:
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। इस स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से भक्तों को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् का कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:
- यह स्तोत्र भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करता है।
- यह स्तोत्र 12 श्लोकों का है।
- इसमें भगवान गणेश के सभी प्रमुख नामों और विशेषताओं का वर्णन किया गया है।
- यह स्तोत्र सभी भक्तों के लिए पढ़ने योग्य है।
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् का सार:
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् में, भगवान गणेश को एक सर्वशक्तिमान देवता के रूप में चित्रित किया गया है जो सभी प्रकार के कष्टों को दूर कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को आशा और शक्ति प्रदान करता है।
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् का पाठ करने का तरीका:
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् का पाठ करना बहुत ही सरल है। बस, आपको इन 12 श्लोकों को ध्यान से पढ़ना है और भगवान गणेश के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करनी है। आप इस स्तोत्र का पाठ किसी भी समय और किसी भी स्थान पर कर सकते हैं।
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् के लाभ:
गजाननस्तोत्र: शंकराधिकृतम् का पाठ करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।
- सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है
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