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  • Create Date November 16, 2023
  • Last Updated November 16, 2023

काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के नामों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10वीं शताब्दी के कवि अनंताचार्य द्वारा रचित है।

काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली में कुल 1000 नाम हैं, प्रत्येक नाम में 16 मात्राएँ हैं।

Kakaradishrikrishnasahasranamavalih

काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली की रचना का उद्देश्य भगवान कृष्ण के नामों की महिमा का प्रचार करना है। स्तोत्र में कृष्ण के नामों को एक अद्वितीय और सर्वोच्च देवता के रूप में चित्रित किया गया है। कृष्ण को प्रेम, सौंदर्य, शक्ति और ज्ञान का अवतार माना जाता है।

काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली की भाषा संस्कृत की सुंदर और सरल भाषा है। स्तोत्र में कई सुंदर और भावपूर्ण शब्दों का प्रयोग किया गया है।

काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली को संस्कृत साहित्य की एक महत्वपूर्ण रचना माना जाता है। यह स्तोत्र आज भी लोकप्रिय है और इसे अक्सर धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों में पढ़ा जाता है।

काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली के कुछ प्रसिद्ध नाम निम्नलिखित हैं:

  • कृष्ण: कृष्ण का अर्थ है काला। कृष्ण को प्रेम, सौंदर्य और शक्ति का अवतार माना जाता है।
  • नारायण: नारायण का अर्थ है जल में निवास करने वाला। नारायण को विष्णु का एक रूप माना जाता है।
  • गोपाल: गोपाल का अर्थ है गोपियों का प्रिय। कृष्ण को गोपियों का प्रिय माना जाता है।
  • वल्लभ: वल्लभ का अर्थ है प्रिय। कृष्ण को राधा का प्रिय माना जाता है।
  • इंद्रद्युम्न: इंद्रद्युम्न का अर्थ है इंद्र के समान तेजस्वी। कृष्ण को इंद्रद्युम्न के रूप में भी जाना जाता है।

काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के नामों की महिमा का वर्णन करता है।
  • स्तोत्र में कृष्ण के नामों को एक अद्वितीय और सर्वोच्च देवता के रूप में चित्रित किया गया है।
  • स्तोत्र की भाषा संस्कृत की सुंदर और सरल भाषा है।
  • स्तोत्र में कई सुंदर और भावपूर्ण शब्दों का प्रयोग किया गया है।
  • काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली को संस्कृत साहित्य की एक महत्वपूर्ण रचना माना जाता है।

काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली एक सुंदर और भावपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान कृष्ण की भक्ति में प्रेरित करता है।

काकभुशुण्डि श्रीकृष्ण सहस्रनामावली का एक प्रसिद्ध अनुवाद निम्नलिखित है:

हे कृष्ण! तुम प्रेम, सौंदर्य, शक्ति और ज्ञान के अवतार हो। तुम गोपियों के प्रिय हो, राधा के प्रिय हो, और इंद्रद्युम्न के रूप में भी जाने जाते हो। तुम्हारे नामों की महिमा अपरंपार है। मैं तुम्हें नमस्कार करता हूँ।


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