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- Create Date October 9, 2023
- Last Updated October 9, 2023
उच्चिष्ठगणेशस्त्वराराजः एक संस्कृत श्लोक है जो भगवान गणेश की स्तुति करता है। यह श्लोक भगवान गणेश को सभी देवताओं का राजा कहता है।
श्लोक का पाठ निम्नलिखित है:
उच्चिष्ठगणेशस्त्वराराजः
सर्वदेवानां नायकः।
सर्वविघ्नहरो भवतु
मम सर्वकार्येषु।
भावार्थ:
सबसे ऊंचे गणेश, देवताओं के राजा, सभी देवताओं के नेता। सभी विघ्नों को दूर करने वाले, मेरे सभी कार्यों में सफल हों।
यह श्लोक भगवान गणेश की शक्ति और महिमा का वर्णन करता है। श्लोक में कहा गया है कि भगवान गणेश सभी देवताओं के राजा हैं, और वे सभी विघ्नों को दूर करने वाले हैं। भक्त इस श्लोक का पाठ करके भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना कर सकते हैं।
उच्चिष्ठगणेशस्त्वराराजः का अर्थ है:
- उच्चिष्ठ - सबसे ऊंचा
- गणेश - गणेश भगवान
- स्त्वराराजः - देवताओं का राजा
- सर्वदेवानां नायकः - सभी देवताओं के नेता
- सर्वविघ्नहरो - सभी विघ्नों को दूर करने वाले
- भवतु - हों
- मम सर्वकार्येषु - मेरे सभी कार्यों में
यह श्लोक भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली मंत्र भी माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त हो सकती है।
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