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- Create Date November 19, 2023
- Last Updated November 19, 2023
Ishwarproktam Somnathmahimavarnanam
ईश्वरप्रोक्ता सोमनाथ महिमावर्णन
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित एक ज्योतिर्लिंग है। यह ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, जिनमें महाभारत, रामायण, और पुराण शामिल हैं।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का निर्माण भगवान शिव ने स्वयं किया था। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना समुद्र के किनारे की थी। तब से लेकर आज तक इस ज्योतिर्लिंग की पूजा-अर्चना होती आ रही है।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को कई बार नष्ट कर दिया गया है, लेकिन हर बार इसे फिर से बनाया गया है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के वर्तमान स्वरूप का निर्माण 1947 में किया गया था।
ईश्वरप्रोक्ता सोमनाथ महिमावर्णन
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की महिमा का वर्णन ईश्वर ने स्वयं किया है। ईश्वर ने कहा है कि जो भक्त सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन करता है, उसे सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। उसे सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। वह मोक्ष प्राप्त कर लेता है।
ईश्वर ने कहा है कि सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, शांति, और सुख-समृद्धि आती है। वह सभी प्रकार के कष्टों और दुखों से मुक्त हो जाता है।
Ishwarproktam Somnathmahimavarnanam
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के लाभ
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन के कई लाभ हैं। इन लाभों में शामिल हैं:
- सभी प्रकार के पापों से मुक्ति
- सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति
- मोक्ष की प्राप्ति
- समृद्धि, शांति, और सुख-समृद्धि
- सभी प्रकार के कष्टों और दुखों से मुक्ति
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन का समय
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन का सबसे अच्छा समय प्रातःकाल और संध्याकाल है। प्रातःकाल के समय सूर्योदय से पहले और संध्याकाल के समय सूर्यास्त के बाद ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन करना विशेष लाभदायक माना जाता है।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन के लिए कोई विशेष नियम नहीं है। कोई भी व्यक्ति ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन कर सकता है।
ऋषि मङ्कणककृतं श्रीमहादेवस्तुतिः Rishigautamproktam mahadevbhaktyotkarshvarnanam
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