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- Create Date November 4, 2023
- Last Updated November 4, 2023
Aaratee bhagavaan shreeshivashankar
भगवान श्री शिवशंकर की आरती
जय गिरिजापति दीनदयालु, कृपा करो हम पर। सकल मनोरथ पूर्ण करो, दे दो मुक्ति इस जन्म की।
जय शिव, जय शिव, जय शिव शंकर।
गंगाधर, नंदीश्वर, भोलेनाथ, शंभु। त्रिशूलधारी, डमरूधारी, शिवजी के नाम अनंत।
जय शिव, जय शिव, जय शिव शंकर।
आज हम आरती करते हैं, भगवान शिव की। उनके चरणों में शीश झुकाते हैं, और प्रार्थना करते हैं।
जय शिव, जय शिव, जय शिव शंकर।
Aaratee bhagavaan shreeshivashankar
अर्थ:
इस आरती में, भक्त भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हैं। वे उन्हें दीनदयालु, कृपाशील और कल्याणकारी भगवान के रूप में वर्णित करते हैं। वे भगवान शिव से अपने सभी मनोरथों को पूर्ण करने और उन्हें मोक्ष प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।
आरती का पाठ करने के लिए:
- एक शांत स्थान पर जाएं और अपने हाथों को जोड़ लें।
- भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर के सामने खड़े हो जाएं।
- आरती का पाठ करें, और प्रत्येक पंक्ति के बाद फूल या प्रसाद चढ़ाएं।
- आरती के अंत में, भगवान शिव को प्रणाम करें।
आरती का लाभ:
आरती एक शक्तिशाली उपाय है जो भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह भक्तों को भगवान शिव के करीब आने और उनके दिव्य ज्ञान और कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
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