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  • Create Date October 4, 2023
  • Last Updated October 4, 2023

आदित्यकवचम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान सूर्य की रक्षा प्रदान करता है। यह स्तोत्र भगवान सूर्य के विभिन्न रूपों का वर्णन करता है जो साधक की रक्षा करते हैं।

आदित्यकवचम में 27 श्लोक हैं। स्तोत्र की शुरुआत में, साधक भगवान सूर्य से उनकी रक्षा करने की प्रार्थना करता है। भगवान सूर्य उनकी प्रार्थना सुनते हैं और उन्हें अपनी रक्षा प्रदान करते हैं। स्तोत्र में, भगवान सूर्य के विभिन्न रूपों का वर्णन है जो साधक की रक्षा करते हैं।

आदित्यकवचम का पाठ करने से साधक को कई लाभ होते हैं। यह स्तोत्र साधक को सभी बुराईयों से बचाता है, उसे आध्यात्मिक सिद्धि प्रदान करता है, और उसे लंबी और सुखी जीवन देता है।

आदित्यकवचम का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. सबसे पहले, एक साफ और पवित्र स्थान पर बैठें।
  2. फिर, एक दीपक जलाएं और भगवान सूर्य की पूजा करें।
  3. अब, आदित्यकवचम का पाठ करें।
  4. स्तोत्र का पाठ करते समय, भगवान सूर्य पर ध्यान केंद्रित करें।
  5. स्तोत्र का पाठ करने के बाद, भगवान सूर्य से आशीर्वाद मांगें।

आदित्यकवचम का पाठ करने से पहले, किसी योग्य गुरु से निर्देश लेना उचित है।

आदित्यकवचम के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • सभी बुराईयों से सुरक्षा
  • आध्यात्मिक सिद्धि
  • लंबी और सुखी जीवन
  • धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति
  • सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति
  • ऋणों से मुक्ति
  • भय से मुक्ति
  • मनोकामनाओं की पूर्ति

आदित्यकवचम का पाठ करने से साधक को आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करता है।

आदित्यकवचम के कुछ संस्कृत श्लोक निम्नलिखित हैं:

॥ आदित्यकवचम ॥

अथ आदित्यकवचम।

ॐ नमो भगवते आदित्याय।

ॐ नमो भगवते रवीन्द्राय।

ॐ नमो भगवते रविभास्कराय।

ॐ नमो भगवते सवितात्मने।

ॐ नमो भगवते भास्कराय।

ॐ नमो भगवते सूर्यपुत्राय।

ॐ नमो भगवते सर्वगुरुमूर्तये।

ॐ नमो भगवते सर्वशक्तिमते।

ॐ नमो भगवते सर्वरक्षाकारिणे।

ॐ नमो भगवते सर्वपापनाशिने।

इस स्तोत्र का अर्थ है:

"मैं भगवान सूर्य को प्रणाम करता हूं।

मैं भगवान सूर्य को रवीन्द्र कहता हूं।

मैं भगवान सूर्य को रविभास्कर कहता हूं।

मैं भगवान सूर्य को सवितात्मन कहता हूं।

मैं भगवान सूर्य को भास्कर कहता हूं।

मैं भगवान सूर्य को सूर्यपुत्र कहता हूं।

मैं भगवान सूर्य को सभी गुरुओं का रूप कहता हूं।

मैं भगवान सूर्य को सर्वशक्तिमान कहता हूं।

मैं भगवान सूर्य को सर्व प्रकार की रक्षा प्रदान करने वाला कहता हूं।

मैं भगवान सूर्य को सभी पापों को नष्ट करने वाला कहता हूं।"

आदित्यकवचम एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो साधक को भगवान सूर्य की रक्षा प्रदान करता है।


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