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- Create Date November 10, 2023
- Last Updated November 10, 2023
Aatmanaathadhyaanam
आत्मनाथध्यान एक प्रकार की ध्यान है जो आत्मा पर केंद्रित होती है। यह ध्यान आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास है।
आत्मनाथध्यान में, ध्यानी अपने ध्यान को आत्मा पर केंद्रित करता है। वह आत्मा की प्रकृति, गुणों और कार्यों का ध्यान करता है। वह आत्मा को एक प्रकाश, ऊर्जा या चेतना के रूप में कल्पना कर सकता है।
आत्मनाथध्यान के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:
- आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।
- आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने में मदद करता है।
- आंतरिक शांति और आनंद प्राप्त करने में मदद करता है।
- जीवन में अधिक स्पष्टता और दिशा प्राप्त करने में मदद करता है।
Aatmanaathadhyaanam
आत्मनाथध्यान करने के लिए, ध्यानी एक शांत और आरामदायक स्थान पर बैठता है। वह अपनी आँखें बंद करता है और अपने ध्यान को अपनी सांस पर केंद्रित करता है। फिर, वह धीरे-धीरे अपना ध्यान अपनी आत्मा पर केंद्रित करता है।
ध्यानी आत्मा की प्रकृति, गुणों और कार्यों का ध्यान कर सकता है। वह आत्मा को एक प्रकाश, ऊर्जा या चेतना के रूप में कल्पना कर सकता है। ध्यानी आत्मा के साथ एकता का अनुभव करने की कोशिश करता है।
आत्मनाथध्यान एक सरल लेकिन शक्तिशाली अभ्यास है जो आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह ध्यान करने वाले को अपने भीतर की शक्ति और संभावनाओं को खोजने में मदद कर सकता है।
आत्मनाथध्यान करने के लिए कुछ सरल निर्देश निम्नलिखित हैं:
- एक शांत और आरामदायक स्थान पर बैठें।
- अपनी आँखें बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान दें।
- धीरे-धीरे अपना ध्यान अपनी आत्मा पर केंद्रित करें।
- आत्मा की प्रकृति, गुणों और कार्यों का ध्यान करें।
- आत्मा को एक प्रकाश, ऊर्जा या चेतना के रूप में कल्पना करें।
- आत्मा के साथ एकता का अनुभव करने की कोशिश करें।
ध्यान करते समय, यदि आपका ध्यान भटकता है तो उसे धीरे-धीरे वापस आत्मा पर केंद्रित करें। ध्यान करते समय धैर्य और दृढ़ संकल्प रखें। नियमित रूप से ध्यान करने से आपको आत्मनाथध्यान में महारत हासिल करने में मदद मिलेगी।
आत्मनाथवेदपादस्तुतिः ब्रह्मकृता Atmanathvedapadstutih Brahmakrita
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