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- Create Date November 7, 2023
- Last Updated July 29, 2024
Ardhanarishvarstotram 3
अर्धनारीश्वरस्तोत्रम् 3 एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान अर्धनारीश्वर की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 9 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक भगवान अर्धनारीश्वर के एक अलग गुण या पहलू की प्रशंसा करता है।
श्लोक 3 इस प्रकार है:
कर्पूरगौरार्धा शरीरकायै कर्पूरगौरार्धा शररकय | धम्मिल्लकायै च जटाधराय नमः शिवाय च नमः शिवाय ||
अनुवाद:
मैं उस अर्धनारीश्वर को नमन करता हूँ, जिनका आधा शरीर श्वेत चंद्रमा के समान सुन्दर है, और आधा शरीर श्याम गंगा के समान सुन्दर है, जिनके शरीर पर जटाओं का मुकुट है, और जो शिव और शक्ति के रूप में पूजे जाते हैं।
श्लोक 3 में, भगवान अर्धनारीश्वर को उनके श्वेत और श्याम शरीर, जटाओं के मुकुट, और शिव और शक्ति के रूप में एकीकरण के लिए स्तुति की जाती है।
श्लोक 3 का अर्थ इस प्रकार है:
Ardhanarishvarstotram 3
- कर्पूरगौरार्धा शरीरकायै: भगवान अर्धनारीश्वर का आधा शरीर श्वेत चंद्रमा के समान सुन्दर है, जो उनकी शीतलता और पवित्रता का प्रतीक है।
- कर्पूरगौरार्धा शररकय: भगवान अर्धनारीश्वर का आधा शरीर श्याम गंगा के समान सुन्दर है, जो उनकी शक्ति और उग्रता का प्रतीक है।
- धम्मिल्लकायै च जटाधराय: भगवान अर्धनारीश्वर के सिर पर जटाओं का मुकुट है, जो ज्ञान और शक्ति का प्रतीक है।
- नमः शिवाय च नमः शिवाय: भगवान अर्धनारीश्वर शिव और शक्ति के रूप में पूजे जाते हैं, जो पुरुष और स्त्री के दो मूल शक्तियों का एकीकरण हैं।
अर्धनारीश्वरस्तोत्रम् 3 एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान अर्धनारीश्वर की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है जो अपने जीवन में शांति, ज्ञान, शक्ति और प्रेम की तलाश में हैं।
आत्मनाथस्तुतिः ३ (वातपुरीश्वरकृता मन्दहाससुन्दरारविन्दवक्त्रशोभितं) Atmanathstuti:3 (Vatpurishvarakrita Mandhahassundararvindavaktrashobhitam)
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