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  • Create Date November 16, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

Amareshwar Stotram

अमरेशस्तव एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में एक अलग गुण या रूप की स्तुति की जाती है।

स्तोत्र के कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • अमरेश भगवान शिव का एक नाम है, जिसका अर्थ है "अमर का स्वामी"।
  • यह स्तोत्र भगवान शिव के अमरता और सर्वशक्तिमत्ता की स्तुति करता है।

स्तोत्र का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:

  • आपको भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सकती है।
  • आपको मानसिक शांति और सुख प्राप्त हो सकता है।
  • आपको भगवान शिव की अमरता और सर्वशक्तिमत्ता का अनुभव हो सकता है।

अमरेशस्तव का हिंदी अनुवाद निम्नलिखित है:

प्रथम श्लोक

हे अमरेश, आप ब्रह्मांड के सृष्टा, संहारक और संरक्षक हैं। आप अजर, अमर और अविनाशी हैं। आप सर्वशक्तिमान हैं।

द्वितीय श्लोक

आपके तीन नेत्र हैं, जो ब्रह्मांड के तीन गुणों, सत्त्व, रज और तम का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपके सिर पर त्रिशूल है, जो शक्ति और नियंत्रण का प्रतीक है। आपके हाथों में डमरू और कमंडल हैं, जो आनंद और ज्ञान का प्रतीक हैं।

Amareshwar Stotram

तृतीय श्लोक

आपके शरीर पर शेषनाग है, जो शांति और समृद्धि का प्रतीक है। आपके चरणों में नंदी है, जो भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। आपके चारों ओर देवता और ऋषिजन प्रदक्षिणा कर रहे हैं।

चतुर्थ श्लोक

आप भक्तों के लिए एक दयालु और करुणामयी देवता हैं। आप सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्रदान कर सकते हैं। आप भक्तों को मोक्ष प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।

पंचम श्लोक

आप ज्ञान और विवेक के दाता हैं। आप भक्तों को सही मार्ग पर चलने में मदद कर सकते हैं। आप भक्तों को आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।

षष्ठ श्लोक

आप ब्रह्मांड के सर्वोच्च देवता हैं। आप सभी प्राणियों के पालनहार हैं। आप सभी प्राणियों की भलाई चाहते हैं।

सप्तम श्लोक

हे अमरेश, आप अत्यंत सुंदर और मनमोहक हैं। आप अत्यंत शक्तिशाली और दयालु हैं। आप अत्यंत ज्ञानी और विवेकशील हैं।

अष्टम श्लोक

मैं आपकी शरण में आया हूं। कृपया मुझे अपनी कृपा प्रदान करें। मेरे सभी पापों को दूर करें। मुझे मोक्ष प्राप्त करने में मदद करें।

नवम श्लोक

हे अमरेश, आप मेरे सभी भय और कष्टों को दूर करें। मुझे शांति और सुख प्रदान करें। मुझे ज्ञान और विवेक प्रदान करें।

दशम श्लोक

हे अमरेश, मैं आपकी स्तुति करता हूं। कृपया मुझे अपनी कृपा प्रदान करें।

अमरेशस्तव एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान शिव की भक्ति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से करने से आपको भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सकती है।

अरुणगिरिध्यानस्तुतिः Arunagiridhyaanastutih


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