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- Create Date October 22, 2023
- Last Updated October 22, 2023
अभिषेकपंडिकृत सुंदरेश्वर स्तोत्रम में भगवान शिव के 10 अपराधों की चर्चा की गई है। इन अपराधों को "अपराधाष्टक" कहा जाता है।
अपराधाष्टक निम्नलिखित हैं:
- भगवान शिव की मूर्तियों या मंदिरों को नुकसान पहुंचाना।
- भगवान शिव के नाम का अपमान करना।
- भगवान शिव की पूजा करने से मना करना।
- भगवान शिव के बारे में गलत या अपमानजनक बातें कहना।
- भगवान शिव के मंत्रों का गलत उच्चारण करना।
- भगवान शिव के प्रति अविश्वास करना।
- भगवान शिव की पूजा नियमित रूप से न करना।
- भगवान शिव के प्रति उदासीन होना।
अपराधाष्टक के अनुसार, जो कोई भी इन अपराधों में से किसी एक को भी करता है, उसे भगवान शिव का आशीर्वाद नहीं मिलता है। उसे जीवन में समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि आर्थिक कठिनाई, स्वास्थ्य समस्याएं, या पारिवारिक समस्याएं।
अपराधाष्टक से बचने के लिए, भक्तों को भगवान शिव के प्रति सम्मान और भक्ति रखनी चाहिए। उन्हें भगवान शिव की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए, और भगवान शिव के मंत्रों का सही उच्चारण करना चाहिए।
अपराधाष्टक के बारे में अधिक जानकारी के लिए, अभिषेकपंडिकृत सुंदरेश्वर स्तोत्रम को पढ़ना उपयोगी हो सकता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की स्तुति करता है, और यह अपराधों से बचने के लिए भी सलाह देता है।
अभिषेकपंडिकृत सुंदरेश्वर स्तोत्रम में अपराधों से बचने के लिए कुछ सलाह निम्नलिखित हैं:
- भगवान शिव की मूर्तियों या मंदिरों को हमेशा सम्मान के साथ व्यवहार करें।
- भगवान शिव के नाम का हमेशा सम्मानपूर्वक उल्लेख करें।
- भगवान शिव की पूजा हमेशा नियमित रूप से करें।
- भगवान शिव के बारे में हमेशा सकारात्मक बातें कहें।
- भगवान शिव के मंत्रों का हमेशा सही उच्चारण करें।
- भगवान शिव के प्रति हमेशा विश्वास और भक्ति रखें।
इन युक्तियों का पालन करने से भक्तों को अपराधों से बचने और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
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