अर्धनारीश्वरा सहस्रनाम स्तोत्रम भगवान शिव और पार्वती के एक संयुक्त रूप, अर्धनारीश्वर को समर्पित एक स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान शिव के सभी गुणों और शक्तियों की प्रशंसा करता है। स्तोत्र में 1000 नाम हैं, प्रत्येक नाम भगवान शिव के…
शिव अपराधस्थावें भगवान शिव के सामने किए गए अपराध हैं। इन अपराधों को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है: शरीरिक अपराध: इन अपराधों में भगवान शिव की मूर्तियों या मंदिरों को नुकसान पहुंचाना, या भगवान शिव के नाम का…
शिवरात्रि पर धर्म के कई पहलू हैं। सबसे पहले, यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान शिव की पूजा करने के लिए समर्पित है। शिवरात्रि को “शिव के रात” के रूप में भी जाना जाता है, और यह भगवान…
श्रीअघोरस्तव एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक रूप, अघोरनाथ की स्तुति करता है। इस स्तोत्र की रचना 16वीं शताब्दी में संत कबीर ने की थी। श्रीअघोरस्तव में भगवान शिव के रूप, अघोरनाथ को एक अत्यंत शक्तिशाली और…
श्री अघोराष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक रूप, अघोरनाथ की स्तुति करता है। इस स्तोत्र की रचना 16वीं शताब्दी में संत कबीर ने की थी। श्री अघोराष्टकम् में भगवान शिव के रूप, अघोरनाथ को एक अत्यंत…
श्रीषड्वर्णमन्त्राष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक रूप, षड्भुज महाशैव के गुणों की स्तुति करता है। इस स्तोत्र की रचना 16वीं शताब्दी में संत तुलसीदास ने की थी। श्रीषड्वर्णमन्त्राष्टकम् में भगवान शिव के रूप, षड्भुज महाशैव को…
श्रीसदाशिवेंद्रस्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक रूप, सदाशिव की स्तुति करता है। इस स्तोत्र की रचना 16वीं शताब्दी में संत तुलसीदास ने की थी। श्रीसदाशिवेंद्रस्तोत्रम में भगवान शिव के रूप, सदाशिव को एक अत्यंत शक्तिशाली और…
श्रीसम्बाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक रूप, श्रीसम्बा के गुणों की स्तुति करता है। इस स्तोत्र की रचना 16वीं शताब्दी में संत तुलसीदास ने की थी। श्रीसम्बाष्टकम् में भगवान शिव के रूप, श्रीसम्बा को एक अत्यंत…
सहस्रक्षरमृत्युंजयमाला मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। यह मंत्र महामृत्युंजय मंत्र के 1008 बार जाप से बना है। सहस्रक्षरमृत्युंजयमाला मंत्र का जाप करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त…
हरिहरष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु और शिव की एक साथ स्तुति करता है। इस स्तोत्र की रचना 14वीं शताब्दी में संत कबीर ने की थी। हरिहरष्टकम् में भगवान विष्णु और शिव को एक ही ब्रह्मांड के दो…
हरिहरात्मक स्तोत्र और हरिहरष्टोत्तम स्तोत्र दोनों ही भगवान विष्णु और शिव की एक साथ स्तुति करने वाले स्तोत्र हैं। दोनों स्तोत्रों में भगवान विष्णु और शिव की एकरूपता और उनके बीच के संबंध को दर्शाया गया है। हरिहरात्मक स्तोत्र की…