नहीं, श्री शिव स्तोत्र कालभैरवकृत नहीं है। यह स्तोत्र आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है, जो आठवीं शताब्दी के हिंदू दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरु थे। यह स्तोत्र शिवाष्टकम् के नाम से भी जाना जाता है। कालभैरव शिव के एक रूप हैं,…
हाँ, श्री शिव स्तोत्र हिमालयकृत ब्रह्मवैवर्त है। यह स्तोत्र ब्रह्मवैवर्त पुराण में पाया जाता है, जो एक हिंदू पौराणिक ग्रंथ है। स्तोत्र की रचना हिमालय ने की थी, जो भगवान शिव के पिता हैं। स्तोत्र में, हिमालय भगवान शिव की…
शिवाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के एक अलग गुण या विशेषता का वर्णन है। स्तोत्र की रचना आठवीं शताब्दी…
शिवाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के एक अलग गुण या विशेषता का वर्णन है। स्तोत्र की रचना आठवीं शताब्दी…
शिवाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के एक अलग गुण या विशेषता का वर्णन है। स्तोत्र की रचना आठवीं शताब्दी…
श्रीशिवाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के एक अलग गुण या विशेषता का वर्णन है। स्तोत्र की रचना आठवीं शताब्दी…
श्रीशिवाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के एक अलग गुण या विशेषता का वर्णन है। स्तोत्र की रचना आठवीं शताब्दी…
श्रीशिवस्तोत्रनामस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के 100 नामों का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा और गुणों का वर्णन करता है। स्तोत्र को आठवीं शताब्दी के हिंदू दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा…
श्रीशिवमानसपूजा एक संस्कृत स्तोत्र है जिसे आठवीं शताब्दी के हिंदू दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा रचित किया गया था। यह स्तोत्र भगवान शिव की मानसिक पूजा का वर्णन करता है, जिसमें भक्त अपनी आंतरिक भावनाओं और विचारों के…
हरिहरष्टोत्तराशातनामस्तोत्रम् और श्रीहरिहरतक्षोत्रम् दोनों ही हिंदू देवता हरिहर की स्तुति में लिखे गए स्तोत्र हैं। हरिहर, भगवान विष्णु और भगवान शिव का एक संयुक्त रूप है। हरिहरष्टोत्तराशातनामस्तोत्रम् एक 108 नामों वाला स्तोत्र है जो भगवान हरिहर की महिमा का वर्णन…
श्रीनृत्यराज हृदयभावना सप्तकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के नृत्य रूप, नृत्यराज की महिमा और शक्ति की प्रशंसा करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के नृत्य को ब्रह्मांड के मूल और प्रकृति के रूप में देखता है। स्तोत्र…
चरन शरणष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के चरणों में शरण लेने की प्रार्थना करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के चरणों की महिमा और शक्ति की प्रशंसा करता है। स्तोत्र की शुरुआत भगवान शिव के चरणों की…