श्रीअघोराष्टकम् Sri Aghorashtakam

 Sri Aghorashtakam श्री अघोराष्टकम् एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक रूप, श्री अघोरनाथ की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में श्री अघोरनाथ के एक विशेष रूप या गुण का…

श्रीअरुणाचलाष्टकम् Sri Arunachalaashtakam

Sri Arunachalaashtakam श्री अरुणाचलाष्टकम् एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक रूप, श्री अरुणाचलनाथ की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में श्री अरुणाचलनाथ के एक विशेष रूप या गुण का…

श्रीकण्ठेशस्तुतिः Shrikantheshastutih

Shrikantheshastutih श्रीकंठेशस्तुति एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के एक रूप, श्रीकंठ की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में श्रीकंठ के एक विशेष रूप या गुण का वर्णन किया गया है।…

श्रीकालभैरवाष्टकं Srikaalbhairavashtakan

Srikaalbhairavashtakan श्रीकालभैरवष्टकम् एक प्राचीन शाक्त स्तोत्र है जो भगवान कालभैरव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में कालभैरव के एक विशेष रूप या गुण का वर्णन किया गया है। श्रीकालभैरवष्टकम् स्तोत्र के…

श्रीकालभैरवाष्टोत्तरशतनामावलिः Shrikaalbhairavashtottarashatanamavalih

Shrikaalbhairavashtottarashatanamavalih श्रीकालभैरवशतोत्कर्षनामावली एक प्राचीन शाक्त ग्रन्थ है जो भगवान कालभैरव की स्तुतियों का संग्रह है। यह ग्रन्थ कालभैरव को समर्पित है और इसमें उनके विभिन्न रूपों और नामों का वर्णन किया गया है। श्रीकालभैरवशतोत्कर्षनामावली ग्रन्थ में कालभैरव की स्तुतियों को…

श्रीखण्डराजस्तोत्रम् Shrikhandrajasotram

Shrikhandrajasotram श्रीखंडराजसूत्रम् एक प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रन्थ है जो श्रीखंड राज नामक एक औषधि के बारे में है। श्रीखंड राज एक आयुर्वेदिक टॉनिक है जो कई तरह की बीमारियों के इलाज में उपयोगी है। यह पाचन तंत्र, हृदय, मस्तिष्क और अन्य…

श्रीचिदम्बराष्टकम् १ Srichidambarashtakam 1

Srichidambarashtakam 1 श्री चिदम्बराष्टकम् 1 अर्थ: हे चिदम्बरेश्वर! आप ही सृष्टि, पालन और संहार के कारण हैं। आप ही समस्त ब्रह्मांड के स्वामी हैं। आप ही सभी जीवों के उद्धारकर्ता हैं। आप ही त्रिगुणात्म, त्रिलोचन, त्रिशूलधारी हैं। आप ही सर्वशक्तिमान,…

श्रीचिदम्बरेशदशश्लोकी स्तुतिः Shreechidambareshadashlokee stutih

Shreechidambareshadashlokee stutih श्री चिदम्बरेश्वर दशश्लोकी स्तोत्रम् अर्थ: हे चिदम्बरेश्वर! आप ही सृष्टि, पालन और संहार के कारण हैं। आप ही समस्त ब्रह्मांड के स्वामी हैं। आप ही सभी जीवों के उद्धारकर्ता हैं। आप ही त्रिगुणात्म, त्रिलोचन, त्रिशूलधारी हैं। आप ही…

श्रीचिदम्बरेशस्तुतिः Shrichidambareshstutih

Shrichidambareshstutih श्री चिदम्बरेश्वर स्तवनम् अर्थ: हे चिदम्बरेश्वर! आप ही सृष्टि, पालन और संहार के कारण हैं। आप ही समस्त ब्रह्मांड के स्वामी हैं। आप ही सभी जीवों के उद्धारकर्ता हैं। आप ही त्रिगुणात्म, त्रिलोचन, त्रिशूलधारी हैं। आप ही सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ…

श्रीताण्डवेश्वरस्तोत्रम् Sritandaveshvarstotram

Sritandaveshvarstotram श्रीतंडवेश्वरस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक विशेष रूप, तंडवेश्वर की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10वीं शताब्दी के कवि और दार्शनिक श्री अवधेशाचार्य द्वारा रचित है। श्रीतंडवेश्वरस्तोत्रम् में कुल 10 श्लोक हैं। प्रत्येक…

श्रीनटेश पञ्चरत्नस्तोत्रम् Shrinatesh Pancharatnastotram

Shrinatesh Pancharatnastotram श्रीनातेश्वर पंचरत्नास्तोत्रम् अर्थ: हे नाथ! आप ही सृष्टि, पालन और संहार के कारण हैं। आप ही समस्त ब्रह्मांड के स्वामी हैं। आप ही सभी जीवों के उद्धारकर्ता हैं। आप ही त्रिगुणात्म, त्रिलोचन, त्रिशूलधारी हैं। आप ही सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ…

श्रीपञ्चनदीशाष्टकम् Shripanchandishastakam

Shripanchandishastakam श्री पंचचण्डीष्टकम् अर्थ: हे देवी! आप ही सृष्टि, पालन और संहार की शक्ति हैं। आप ही समस्त ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री हैं। आप ही सभी जीवों का उद्धार करती हैं। आप ही त्रिदेवों की शक्ति हैं। आप ही ब्रह्मा, विष्णु…