गौरीश्वरस्तुतिः Gaurishvarstuti:

Gaurishvarstuti: दिव्य वारिं कथं यतः सुरधुनी मौलौ कथं पावको दिव्यं तद्धि विलोचनं कथमहिर्दिव्यं स चाङ्गे तव ॥ तस्माद्‌द्यूतविधौ त्वयाऽद्य मुषितो हारः परित्यज्यतामित्थं शैलभुवा विहस्य लपितः शम्भुः शिवायास्तु वः ॥१॥ श्रीकण्ठस्य सकृत्तिकार्तभरणी मूर्तिः सदा रोहिणी ज्येष्ठा भाद्रपदा पुनर्वसुयुता चित्रा विशाखान्विता ॥…

चतुष्षष्ट्यष्टकम् Chatushshashtyashtakam

Chatushshashtyashtakam चतुःशष्‍टयष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 64 छंदों में विभाजित है, और प्रत्येक छंद में भगवान विष्णु के एक अलग गुण या रूप की स्तुति की जाती है। स्तोत्र की शुरुआत…

चित्रमालामन्त्रम् Chitramalamantram

Chitramalamantram चित्रामाला मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो चित्रा देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। चित्रा देवी एक शक्तिशाली देवी हैं जो सभी प्रकार के कलाओं और कौशलों की देवी हैं। वे भक्तों को बुद्धि, ज्ञान,…

जाबाल्युपनिषत् Jabalyupanishat

Jabalyupanishat जबाल उपनिषद एक छोटा उपनिषद है जो गृहस्थ जीवन के रहस्यों को समझने में मदद करता है। यह उपनिषद भगवान शिव और उनके शिष्य जाबाल के बीच एक संवाद के रूप में है। उपनिषद की शुरुआत में, जाबाल भगवान…

दक्षपत्नीकृता शिवस्तुतिः Dakshapatnikrita Shivastuti:

Dakshapatnikrita Shivastuti: दक्ष्यपत्नीकृत शिवस्तवनम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र दक्ष की पत्नी सती द्वारा रचित है, जिन्हें भगवान शिव की पत्नी पार्वती के रूप में भी जाना जाता है। स्तोत्र की शुरुआत…

दक्षिणामूर्तिस्तोत्रम् Dakshinaamoortistotram

Dakshinaamoortistotram दक्षिणामूर्तिस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति रूप को समर्पित है। यह स्तोत्र शंकराचार्य द्वारा रचित है और यह अद्वैत वेदांत की परंपरा में शिव के ब्रह्म रूप का वर्णन करता है। स्तोत्र की शुरुआत में,…

दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रम् Daaridry dahan shivastotram

 Daaridry dahan shivastotram दरिद्रता दहन शिवस्तोत्र एक ऐसा मंत्र है जो भगवान शिव की कृपा से दरिद्रता को दूर करने में मदद करता है। यह मंत्र भगवान शिव के 108 नामों का उच्चारण करता है, प्रत्येक नाम के साथ एक…

देवताभिः कृतं शिवस्तोत्रम् Devtabhih Kritam Shivastotram

Devtabhih Kritam Shivastotram देवतभिः कृतं शिवस्तोत्रम् एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के एक विशेष रूप या गुण का वर्णन किया गया…

धूपलक्षणतन्माहात्म्यम् Dhuplakshantanmahatmyam

Dhuplakshantanmahatmyam धुपलकशांतनमहात्म्य एक प्राचीन ग्रंथ है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए धूप की महत्ता का वर्णन करता है। यह ग्रंथ 18 अध्यायों में विभाजित है। प्रत्येक अध्याय में धूप के विभिन्न प्रकारों और उनके लाभों का…

नटराजाष्टकम् Natarajashtakam

Natarajashtakam नटराजष्टकम् एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान शिव के नटराज रूप की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में भगवान नटराज के एक विशेष रूप या गुण का वर्णन किया गया है।…

नन्दिकेशप्रोक्ता सोमनाथशिवस्तुतिः Nandikeshaprokta somnathshivastutih

Nandikeshaprokta somnathshivastutih नंदीकेशाप्रोक्ता सोमनाथशिवस्तुति एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 51 श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के एक विशेष रूप या गुण का वर्णन किया गया है। यह…

नारकाःकृता शिवस्तुतिः Narakaḥkṛta Shivastutiḥ

Narakaḥkṛta Shivastutiḥ नरकाकृत शिवस्तुति एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 21 श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के एक विशेष रूप या गुण का वर्णन किया गया है। यह…