Diwali 2023 : ब्रह्म पुराण के अनुसार दिवाली पर अर्धरात्रि के समय महालक्ष्मीजी सद्ग्रहस्थों के घरों में विचरण करती हैं। इस दिन घर-बाहर को साफ-सुथरा कर सजाया-संवारा जाता है। दीपावली मनाने से श्री लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर स्थायी रूप से सद्गृहस्थ के घर निवास करती हैं। दीपावली धनतेरस, नरक चतुर्दशी तथा महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाईदूज-इन 5 पर्वों का मिलन है। मंगल पर्व दीपावली के दिन सुबह से लेकर रात तक क्या करें कि महालक्ष्मी का घर में स्थायी निवास हो जाए.. आइए जानें विस्तार से…. 

Diwali pe kare ye kaam दीपावली के पूजन की संपूर्ण विधियां दी गई हैं। फिर भी संक्षेप में 25 बिंदुओं से जानें कि क्या करें इस दिन …. 

Diwali 2023 Date: इस साल कब है दिवाली, जानें तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त

1. प्रातः स्नानादि से निवृत्त हो स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2 . अब निम्न संकल्प से दिनभर उपवास रहें-मम सर्वापच्छांतिपूर्वकदीर्घायुष्यबलपुष्टिनैरुज्यादि-सकलशुभफल प्राप्त्यर्थंगजतुरगरथराज्यैश्वर्यादिसकलसम्पदामुत्तरोत्तराभिवृद्ध्‌यर्थं इंद्रकुबेरसहितश्रीलक्ष्मीपूजनं करिष्ये। 

3.दिन में पकवान बनाएं या घर सजाएं। बड़ों का आशीर्वाद लें। 

4 . सायंकाल पुनः स्नान करें।

5 . लक्ष्मीजी के स्वागत की तैयारी में घर की सफाई करके दीवार को चूने अथवा गेरू से पोतकर लक्ष्मीजी का चित्र बनाएं। (लक्ष्मीजी का चित्र भी लगाया जा सकता है।)

6 . भोजन में स्वादिष्ट व्यंजन, कदली फल, पापड़ तथा अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाएं।

7 .लक्ष्मीजी के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर मौली बांधें।

8. इस पर गणेशजी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें।

9 . फिर गणेशजी को तिलक कर पूजा करें।

10. अब चौकी पर छः चौमुखे व 26 छोटे दीपक रखें।

11.इनमें तेल-बत्ती डालकर जलाएं।

12. फिर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, अबीर, गुलाल, धूप आदि से विधिवत पूजन करें।

13. पूजा के बाद एक-एक दीपक घर के कोनों में जलाकर रखें।

14. एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक रखकर निम्न मंत्र से लक्ष्मीजी का पूजन करें- 

नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरेः प्रिया।

या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्वदर्चनात॥ 

साथ ही निम्न मंत्र से इंद्र का ध्यान करें- 

ऐरावतसमारूढो वज्रहस्तो महाबलः।

शतयज्ञाधिपो देवस्तमा इंद्राय ते नमः॥

पश्चात निम्न मंत्र से कुबेर का ध्यान करें- 

धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च।

भवंतु त्वत्प्रसादान्मे धनधान्यादिसम्पदः॥ 

15. इस पूजन के पश्चात तिजोरी में गणेशजी तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर विधिवत पूजा करें।

16. तत्पश्चात इच्छानुसार घर की बहू-बेटियों को रुपए दें।

17. लक्ष्मी पूजन रात के बारह बजे करने का विशेष महत्व है।

18. इसके लिए एक पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर एक जोड़ी लक्ष्मी तथा गणेशजी की मूर्ति रखें।

19. समीप ही एक सौ रुपए, सवा सेर चावल, गुड़, चार केले, मूली, हरी ग्वार की फली तथा पांच लड्डू रखकर लक्ष्मी-गणेश का पूजन करें।

20 उन्हें लड्डुओं से भोग लगाएं।

21. दीपकों का काजल सभी स्त्री-पुरुष आंखों में लगाएं।

22. फिर रात्रि जागरण कर गोपाल सहस्रनाम पाठ करें। 

23. व्यावसायिक प्रतिष्ठान, गद्दी की भी विधिपूर्वक पूजा करें।

24. रात को बारह बजे दीपावली पूजन के उपरान्त चूने या गेरू में रुई भिगोकर चक्की, चूल्हा, सिल तथा छाज (सूप) पर तिलक करें।

25. दूसरे दिन प्रातःकाल चार बजे उठकर पुराने छाज में कूड़ा रखकर उसे दूर फेंकने के लिए ले जाते समय कहें ‘लक्ष्मी-लक्ष्मी आओ, दरिद्र-दरिद्र जाओ’। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *