Dhanu Sankranti:हिंदू पंचांग के अनुसार, संक्रांति (Sankranti) का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना। भारत के कुछ हिस्सों में, प्रत्येक संक्रांति को एक महीने की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाता है। Dhanu Sankranti दूसरी ओर, कुछ अन्य हिस्सों में, एक संक्रांति को प्रत्येक महीने के अंत के रूप में और अगले दिन को एक नए महीने की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाता है।
संक्रांति, दान के लिए अनुकूल है, लेकिन इस दिन शुभ कार्यों से बचा जाता है। मकर संक्रांति एक समृद्ध चरण या संक्रमण के पवित्र चरण की शुरुआत का प्रतीक है। संक्रांति के बाद सभी पवित्र अनुष्ठान और शुभ समारोह किए जा सकते हैं।
Dhanu Sankranti Kab hai:संक्रांति कब है?
धनु संक्रांति Dhanu Sankranti : रविवार, 15 दिसम्बर 2024
धनु संक्रांति मुहूर्त
पुण्य काल – 12:16 PM से 05:26 PM
महा पुण्य काल – 03:43 PM से 05:26 PM
संक्रान्ति का क्षण – 10:19 PM
Dhanu Sankranti:मासिक संक्रांति क्या है?
तो एक वर्ष में, 12 संक्रांति होती है और यह भगवान सूर्य (सूर्य देवता) को समर्पित है। सभी 12 संक्रांति में ‘मकर संक्रांति’ सबसे मान्य है और यह पूरे भारत में मनाई जाती है।
सबसे महत्वपूर्ण संक्रांतियों के नाम
◉ तुला संक्रांति [पहाड़ी कार्तिक माह]
◉ वृश्चिक संक्रांति [पहाड़ी मार्गशीर्ष माह]
◉ धनु संक्रांति [पहाड़ी पौष ]
◉ मकर संक्रांति – पौष संक्रांति [माघ ]
◉ कुम्भ संक्रांति [पहाड़ी फाल्गुन]
◉ मीन संक्रांति – फूलदेई [पहाड़ी चैत्र माह]
◉ मेष संक्रांति – [सोलर नववर्ष] / पना संक्रांति / विषुक्कणी / पोइला बोइशाख [पहाड़ी वैशाख माह]
◉ वृषभ संक्रांति [पहाड़ी ज्येष्ठ माह]
◉ मिथुन संक्रांति [पहाड़ी आषाढ़ माह]
◉ कर्क संक्रांति – हरेला [पहाड़ी श्रावण माह]
◉ सिंह संक्रांति – घी संक्रांति [पहाड़ी भाद्रपद माह]
◉ कन्या संक्रांति [पहाड़ी अश्विन माह]
धनु संक्रांति: सूर्य उपासना और धर्म-कर्म का शुभ पर्व
धनु संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। यह पर्व धार्मिक अनुष्ठानों, दान-पुण्य और सूर्य देव की उपासना के लिए विशेष माना जाता है। धनु संक्रांति को शुभ कार्यों और आध्यात्मिक उन्नति का दिन माना जाता है।
धनु संक्रांति का महत्व
- सूर्य की उपासना: धनु संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्राप्त होती है।
- धर्म और दान का अवसर: इस दिन गंगा स्नान, हवन, और दान करने से पापों का नाश होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: धनु संक्रांति आध्यात्मिक साधना और आत्मविश्लेषण के लिए विशेष दिन है।
- मकर संक्रांति की तैयारी: यह पर्व मकर संक्रांति के शुभ अवसर का आरंभ भी माना जाता है।
धनु संक्रांति पर किए जाने वाले 4 खास उपाय
1. सूर्य को अर्घ्य दें
सूर्य देव को जल अर्पित करें और गायत्री मंत्र या आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। इससे स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
2. गंगा स्नान और दान करें
इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। स्नान के बाद तिल, गुड़, अनाज, और वस्त्र का दान करें।
3. धार्मिक अनुष्ठान करें
- भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करें।
- हवन और दीपदान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
- इस दिन व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
4. जरूरतमंदों की मदद करें
गरीबों को भोजन, वस्त्र, और धन दान करें। यह पुण्य कर्म आपको जीवन में शांति और सफलता प्रदान करता है।
धनु संक्रांति पर ध्यान रखने योग्य बातें
- इस दिन अहिंसा का पालन करें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- घर में स्वच्छता और पूजा का विशेष ध्यान रखें।
- कोई भी शुभ कार्य करने से पहले सूर्य देव का आशीर्वाद अवश्य लें।
धनु Dhanu Sankranti संक्रांति का संदेश
धनु संक्रांति धर्म, अध्यात्म, और दान का पर्व है। यह हमें जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ने, सकारात्मकता बनाए रखने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की प्रेरणा देता है।