
Balarama Jayanti: बलराम जयंती 2025: तिथि, महत्व और पूजा विधि
Balarama Jayanti: हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को बलराम जयंती मनाई जाती है। यह एक आध्यात्मिक और आनंदमय पर्व है जो श्रद्धालुओं को भगवान बलराम और श्री कृष्ण की भक्ति में एकजुट करता है। व्रत, पूजा, भजन और प्रसाद के साथ यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा और सामाजिक समर्पण का प्रतीक बनता है।
इस साल 2025 में बलराम जयंती गुरुवार, 14 अगस्त को मनाई जाएगी। षष्ठी तिथि 13 अगस्त 2025 को सुबह 7:56 बजे शुरू होकर 14 अगस्त 2025 को दोपहर 3:24 बजे समाप्त होगी। कुछ स्रोतों के अनुसार, षष्ठी तिथि 14 अगस्त 2025 को सुबह 4:02 बजे शुरू होकर 15 अगस्त 2025 को रात 2:07 बजे समाप्त होगी। पूरे दिन 14 अगस्त 2025 को बलराम जयंती के रूप में मनाया जाएगा।
Bhai Dooj 2025: कैसे शुरू हुई भाई दूज मनाने की प्रथा? यमराज और यमुना से जुड़ी है इसकी कथा
Who is Lord Balarama Jayanti : कौन हैं भगवान बलराम?
भगवान बलराम (Balarama Jayanti), भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई हैं। उन्हें भगवान विष्णु के शेषनाग अवतार के रूप में भी जाना जाता है, जिस पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करते हैं। बलराम जी बल, धर्म और कृषि के अद्वितीय प्रतीक हैं। उनका मुख्य शस्त्र ‘हल’ है, जिसके कारण उन्हें ‘हलधर’ भी कहा जाता है। वे धैर्य और सहनशीलता से जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।
बलराम जी का जन्म और बाल लीलाएं:Balram ji’s birth and childhood pastimes
बलराम जी का जन्म वासुदेव और देवकी की सातवीं संतान के रूप में हुआ था। कंस के भय से, भगवान विष्णु के निर्देश पर योग माया ने देवकी के गर्भ को रोहिणी माता के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया था। इस प्रकार, बलराम जी का जन्म रोहिणी माता के पुत्र के रूप में हुआ और वे ब्रज में नंद बाबा और यशोदा मैया के घर में भगवान कृष्ण के साथ पले-बढ़े। बचपन से ही अत्यंत बलशाली बलराम जी ने अपने भाई कृष्ण के साथ मिलकर कई राक्षसों का वध किया और धर्म की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Top rated products
-
Gayatri Mantra Jaap for Wisdom and Knowledge
View Details₹5,100.00 -
Kaal Sarp Dosh Puja Online – राहु-केतु के दोष से पाएं मुक्ति
View Details₹5,100.00 -
Saraswati Mantra Chanting for Intelligence & Academic Success
View Details₹11,000.00 -
Surya Gayatri Mantra Jaap Online
View Details₹1,000.00 -
Kuber Mantra Chanting – Invoke the Guardian of Wealth
View Details₹11,000.00
बलराम जयंती का महत्व:Importance of Balarama Jayanti
बलराम जयंती कई कारणों से हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है:
• संतान के लिए सुख-समृद्धि: इस दिन भगवान बलराम Balarama Jayanti का पूजन करने से संतान के जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है और उन्हें लंबी आयु प्राप्त होती है।
• बल की प्राप्ति: भगवान बलराम की पूजा से शारीरिक बल के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता और आत्म-नियंत्रण भी प्राप्त होता है।
• धर्म की रक्षा: जो लोग धर्म के मार्ग पर चलना चाहते हैं और उसकी रक्षा करना चाहते हैं, उन्हें बलराम जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
• कृषि में सफलता: यदि आप कृषि से संबंधित कोई भी कार्य करते हैं, जैसे खेती या खेती से जुड़ा व्यवसाय, तो बलदाऊ जी की पूजा आपको सफलता दिला सकती है। यह त्यौहार हल की पूजा से भी जुड़ा है।
• धैर्य और सहनशीलता: बलराम जी Balarama Jayanti का जीवन हमें धैर्यवान होने और अपनी शक्ति का सदुपयोग करने की प्रेरणा देता है।
• पारिवारिक एकजुटता: बलराम जयंती परिवार में प्रेम और भाईचारे के महत्व को भी समझाती है।
Janmashtami 2025 Date: जन्माष्टमी 2025 कब है? जानें तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व
जन्माष्टमी 2025 कब है? जानें तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व Janmashtami: हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष…
Kali Jayanti 2025 Date: काली जयंती 2025: माँ काली के पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि
Kali Jayanti 2025 Date: काली जयंती हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास (पूर्णिमा भाद्रपद माह) की कृष्ण अष्टमी के दिन…
Randhan Chhath 2025 Date: कब है रांधन छठ, जाने शुभ मुहूर्त व तिथि
Randhan Chhath: रांधण छठ एक पारंपरिक गुजराती हिंदू त्योहार है, जो मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह…
बलराम जयंती पूजा विधि:Balarama Jayanti Puja Method
बलराम जयंती पर भगवान बलराम का पूजन करना बहुत सरल और आसान है:
1. स्नान और संकल्प: भक्त प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लेते हैं।
2. पूजा सामग्री: पूजा के लिए भगवान कृष्ण और Balarama Jayanti बलराम जी की तस्वीर या मूर्ति (आप भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की तस्वीर भी ले सकते हैं), लकड़ी या मिट्टी का छोटा हल, थोड़ा सा अनाज जैसे गेहूं, जौ, धान, धूप, रोली, चंदन, फल, फूल, नारियल आदि सामग्री एकत्र कर लें।
3. पूजा का स्थान: कुछ स्थानों पर घर में या बाहर दीवार पर भैंस के गोबर से छठ माता का चित्र बनाकर और गोबर से तालाब बनाकर उसमें झर बेरी, पतास और कांसी के पेड़ लगाकर पूजा करते हैं।
4. मूर्तियों का अभिषेक: मूर्तियों को नए वस्त्र और आभूषणों से सजाया जाता है। सबसे पहले गंगाजल से स्नान कराएं, फिर तिलक लगाएं, पुष्प और अक्षत अर्पित करें।
5. मंत्र जाप: अपनी मनोकामनाओं के साथ भगवान बलराम से प्रार्थना करें और “ओम नमो भगवते बलभद्राय नमः” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
6. कथा श्रवण और आरती: बलराम जयंती से संबंधित पौराणिक कथाएं सुनें और अंत में भगवान बलराम की आरती करें।
7. भोग और प्रसाद: विशेष भोजन बनाकर भोग अर्पित करें और फिर प्रसाद रूप में सभी को वितरित करें।
8. उपवास: उपासक दोपहर तक निर्जला उपवास रख सकते हैं।
9. भजन-कीर्तन: इस दिन भक्तगण भजन, कीर्तन और नृत्य के साथ पूरे उल्लास से उत्सव मनाते हैं।
बलराम जयंती पर लें ये तीन संकल्प:Take these three resolutions on Balarama Jayanti
बलराम जयंती के दिन आप अपने जीवन को बदलने के लिए ये तीन महत्वपूर्ण संकल्प ले सकते हैं:
1. धन और बल में वृद्धि: संकल्प लें कि आप अपने धन और बल को बढ़ाएंगे।
2. धर्म के मार्ग पर चलना: धर्म के मार्ग पर चलने और धर्म की रक्षा में सदैव योगदान देने का संकल्प लें।
3. परिवार की एकजुटता: अपने परिवार को एकजुट रखने और उसमें प्रेम भाव बनाए रखने का प्रयास करें।
इसके अलावा, आप धैर्यवान बनने, कृषि करने वाले लोगों का सम्मान करने, शक्ति का दुरुपयोग न करने और भगवान कृष्ण व बलराम के प्रेम से प्रेरणा लेने का भी संकल्प ले सकते हैं।
इन संकल्पों को लेने और उनका पालन करने से आपका जीवन अधिक खुशहाल और सार्थक बन सकता है। तो आइए, इस बलराम जयंती पर भगवान बलराम का पूजन करें और उनकी कृपा प्राप्त करें