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Angarki Chaturthi 2026

Angarki Chaturthi 2026 mein Kab Hai: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को ‘विघ्नहर्ता’ कहा जाता है, जो अपने भक्तों के सभी दुखों और बाधाओं को दूर करते हैं। वैसे तो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है, लेकिन जब यह चतुर्थी मंगलवार को पड़ती है, तो इसे ‘अंगारकी चतुर्थी’ कहा जाता है,। Angarki Chaturthi 2026 भगवान गणेश के भक्तों के लिए विशेष फलदायी होने वाली है, क्योंकि इस दिन व्रत रखने से पूरे वर्ष की संकष्टी चतुर्थी का फल प्राप्त होता है,।

Angarki Chaturthi 2026 की महत्वपूर्ण तिथियां और मुहूर्त..

वर्ष 2026 में भक्तों को भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त करने के तीन अवसर मिलेंगे। Angarki Chaturthi 2026 की तिथियां और समय इस प्रकार हैं:

1. 6 जनवरी 2026, मंगलवार: यह माघ मास की संकष्टी चतुर्थी (सकट चौथ) है,। चतुर्थी तिथि 6 जनवरी को सुबह 08:02 बजे शुरू होगी और 7 जनवरी को सुबह 06:53 बजे समाप्त होगी,। इस दिन चंद्रोदय का समय रात्रि 08:54 बजे रहेगा।

2. 5 मई 2026, मंगलवार: मई के महीने में पड़ने वाली इस चतुर्थी की तिथि 4 मई को शाम 05:54 बजे शुरू होगी और 5 मई को रात 08:21 बजे समाप्त होगी।

3. 29 सितंबर 2026, मंगलवार: सितंबर में पड़ने वाली इस चतुर्थी की तिथि 29 सितंबर को सुबह 05:40 बजे शुरू होगी और 30 सितंबर को तड़के 03:25 बजे समाप्त होगी,।

अंगारकी चतुर्थी का अर्थ और पौराणिक महत्व

संस्कृत में ‘अंगारकी‘ का अर्थ है ‘जले हुए कोयले जैसा लाल रंग’,। Angarki Chaturthi 2026 के पीछे एक रोचक पौराणिक कथा है जिसका वर्णन गणेश पुराण में मिलता है,। कथा के अनुसार, पृथ्वी देवी ने ऋषि भारद्वाज के पुत्र ‘मंगला’ का पालन-पोषण किया था,। मंगला भगवान गणेश के परम भक्त थे। उन्होंने वर्षों तक कठिन तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान गणेश ने माघ कृष्ण चतुर्थी के दिन उन्हें दर्शन दिए,।

गणेश जी ने मंगला को वरदान दिया कि उनका नाम ‘अंगारक’ के रूप में प्रसिद्ध होगा और चूँकि मंगला ने मंगलवार के दिन गणेश जी के दर्शन किए थे, इसलिए भविष्य में जब भी चतुर्थी मंगलवार को पड़ेगी, उसे ‘अंगारकी चतुर्थी’ कहा जाएगा,। भगवान गणेश ने यह भी घोषित किया कि जो भक्त इस दिन व्रत रखेंगे, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी,।

Angarki Chaturthi 2026 व्रत के अनुष्ठान और पूजा विधि

इस पावन दिन पर भक्त भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं,:

प्रातः काल स्नान: दिन की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान के साथ होती है,।

गणेश स्थापना: पूजा स्थल पर भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें और उसे फूलों से सजाएं,।

भोग: गणेश जी को उनके प्रिय ‘मोदक’ और तिल के लड्डुओं का भोग लगाएं,। उन्हें दूर्वा घास, शमी पत्र और सिंदूर अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है,।

मंत्र जाप: पूजा के दौरान ‘ॐ गं गणपतये नमः’ और ‘श्री गणाधिपताय नमः’ जैसे मंत्रों का जाप करना चाहिए,। ‘गणपति अथर्वशीर्ष’ का पाठ करना भी फलदायी होता है,।

व्रत का नियम: श्रद्धालु सूर्योदय से चंद्रोदय तक कठिन उपवास रखते हैं,। रात में चंद्रमा के दर्शन और पूजा के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है,।

Angarki Chaturthi 2026 व्रत रखने के अनेक लाभ

शास्त्रों के अनुसार, अंगारकी चतुर्थी का व्रत जीवन की कई समस्याओं का समाधान करता है,। इसके मुख्य लाभ नीचे दिए गए हैं:

मांगलिक दोष से मुक्ति: यह व्रत कुंडली में मंगल की खराब स्थिति या ‘मांगलिक दोष’ के प्रभाव को कम करने में सहायक है।

बाधाओं का निवारण: भगवान गणेश बुद्धि के स्वामी हैं, उनकी कृपा से जीवन की सभी रुकावटें दूर होती हैं और कार्यों में सफलता मिलती है,।

आर्थिक और स्वास्थ्य लाभ: यह व्रत आर्थिक तंगी को दूर करने, बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने और परिवार में सुख-शांति लाने वाला माना जाता है,।

पापों का नाश: सच्ची श्रद्धा से रखा गया यह व्रत व्यक्ति के संचित पापों को धो देता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।

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