Aja Ekadashi 2024 हिन्दू परंपरा में एकादशी बेहद महत्वपूर्ण त्यौहार है जो हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मनाया जाता है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन पड़ने वाली एकादशी को अजय एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की उपासना करने की मान्यता है। कहा जाता है कि अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने तथा दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को दान देने से जीवन में सुख, समृद्धि और धन धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसी भी मान्यताएं हैं कि एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
Aja Ekadashi 2024 अजा एकादशी का महत्व
Aja Ekadashi 2024 सनातन परंपरा में अजा एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस एकादशी पर व्रत रखने तथा दान देने वाला व्यक्ति सभी सांसारिक सुखों को भोगने के बाद विष्णुलोक को जाता है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली यह एकादशी समस्त पापों का नाश करने वाली तथा अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल देने वाली मानी जाती है। इस दिन विधि विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
इस एकादशी के बारे में बताते हुए भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा था, “अजा एकादशी पर व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्ति पा सकता है और मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है।” इसलिए इस दिन व्रत रखकर पूरे मन के साथ भगवान नारायण की आराधना करने का का खास महत्व है।
Aja Ekadashi 2024 अजा एकादशी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त
आजा एकादशी की शुरुआत 29 अगस्त 2024 बह 01:18 बजे से होगी। साथ ही इस एकादशी का समापन 30 अगस्त 2024 को सुबह 01:36 बजे पर होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि मान्य है, इसलिए यह एकादशी 29 अगस्त को मनाई जाएगी।
Aja Ekadashi दान का महत्व
हिन्दू धर्म शास्त्रों में दान बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग सदियों से ही दान की महत्ता को समझते आ रहे हैं। लोग मन की शांति, मनोकामना पूर्ति, पुण्य की प्राप्ति, ग्रह-दोषों के प्रभाव से मुक्ति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दान करते हैं। हिन्दू धर्म में दान का महत्व इसलिए भी ज्यादा है Aja Ekadashi 2024 क्योंकि कहा जाता है कि दान का लाभ सिर्फ जीते जी नहीं बल्कि मृत्यु के बाद भी मिलता है। लेकिन दान का पुण्य फल आपको तभी प्राप्त होता है, जब दान सही समय, सही तरीके और सच्चे मन के साथ पात्र व्यक्ति को दिया गया हो।
दान के महत्व का उल्लेख करते हुए श्रीमद् भगवद्गीता में कहा गया है-
दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे।
देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्।।
(जो दान कर्तव्य समझकर, किसी फल की आशा के बिना, उचित काल तथा स्थान में और आध्यात्मिक कार्यों में लगे पात्र व्यक्ति को दिया जाता है वही दान सात्विक माना जाता है।)
Aja Ekadashi 2024 अजा एकादशी पर करें इन चीजों का दान
Aja Ekadashi 2024 अन्य त्यौहारों की तरह अजा एकादशी पर भी दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। इसलिए एकादशी के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।
अजा एकादशी 2024: पापों का नाश और मोक्ष का मार्ग
अजा एकादशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस वर्ष, अजा एकादशी 29 अगस्त, 2024, गुरुवार को पड़ रही है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Aja Ekadashi शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
- तिथि: 29 अगस्त, 2024 (गुरुवार)
- पूजा का समय: सुबह और शाम को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
- पूजा विधि:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं।
- फूल, फल, धूप, दीप और तुलसी दल चढ़ाएं।
- भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए मंत्रों का जाप करें।
- रामायण, महाभारत या भगवान विष्णु के अन्य ग्रंथों का पाठ करें।
- दिन भर निर्जला व्रत रखें।
दान का महत्व
अजा एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है। आप अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान कर सकते हैं।
Aja Ekadashi अजा एकादशी का महत्व
- पापों का नाश: अजा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और वह पवित्र हो जाता है।
- मोक्ष की प्राप्ति: इस व्रत को नियमित रूप से करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- मन की शांति: व्रत रखने से मन शांत होता है और आध्यात्मिक विकास होता है।
- स्वास्थ्य लाभ: व्रत रखने से शरीर स्वस्थ रहता है और कई रोगों से मुक्ति मिलती है।