Ahoi Ashtami 2025 Date: अहोई अष्टमी हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे खासतौर पर माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के लिए करती हैं। यह व्रत कार्तिक माह में मनाया जाता है और इस वर्ष यह 13 अक्टूबर को पड़ रहा है।
अहोई अष्टमी हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे खासतौर पर माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के लिए करती हैं। यह व्रत कार्तिक माह में मनाया जाता है और इस वर्ष यह 13 अक्टूबर को पड़ रहा है। Ahoi Ashtami 2025 पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी व्रत से न केवल संतान की दीर्घायु सुनिश्चित होती है, बल्कि संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले परिवारों में भी विशेष कृपा मिलती है।
अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami 2025) हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के लिए बड़े उत्साह के साथ मनाती हैं। Ahoi Ashtami 2025 यह व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत संतान सुख की प्राप्ति और सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए भी विशेष फलदायी होता है।
इस वर्ष Ahoi Ashtami 2025 अहोई अष्टमी की सही तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है। आइए जानते हैं वैदिक पंचांग के अनुसार अहोई अष्टमी व्रत की सही तारीख और शुभ मुहूर्त।
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अहोई अष्टमी 2025 कब है? (Ahoi Ashtami 2025 Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार अहोई अष्टमी का पर्व 13 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह व्रत सुहागिन महिलाएं निर्जला (बिना जल के) रखती हैं।
संतान की दीर्घायु सुनिश्चित करने के अलावा, यह व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले परिवारों के लिए भी विशेष कृपा लेकर आता है।
अष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत और समापन का विवरण इस प्रकार है:
| विवरण | जागरण (Jagran) | हिन्दुस्तान (Hindustan) |
| अष्टमी तिथि की शुरुआत | 13 अक्टूबर, रात 12 बजकर 24 मिनट पर | 13 अक्टूबर, दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर |
| अष्टमी तिथि का समापन | 14 अक्टूबर, रात 11 बजकर 9 मिनट पर | 14 अक्टूबर, सुबह 11 बजकर 09 मिनट पर |
| पूजा करने का शुभ मुहूर्त | शाम 5 बजकर 53 मिनट से शाम 7 बजकर 8 मिनट तक | शाम 06 बजकर 17 मिनट से शाम 07 बजकर 31 मिनट तक |
| तारों को देखने का समय | शाम 6 बजकर 17 मिनट तक | शाम 06 बजकर 39 मिनट पर |
तारों के दर्शन और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण (व्रत खोलना) किया जाता है।
अहोई अष्टमी व्रत की पूजा-विधि (Puja Vidhi)
Ahoi Ashtami 2025 अहोई अष्टमी के दिन माताएं भगवान शिव और माता पार्वती के संग अहोई माता की पूजा-अर्चना करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन महादेव की पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी दुख-संकट दूर होते हैं।
1. व्रत का संकल्प: अहोई अष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद माताएं व्रत का संकल्प लें।
2. पूजा की तैयारी: पूजा की शुरुआत दीवार पर अहोई माता की तस्वीर बनाकर की जाती है।
3. पूजा: रोली, चावल, और जल से पूजा संपन्न करें। एक कलश में जल भरकर रखें।
4. व्रत कथा: पूजा के दौरान अहोई अष्टमी व्रत कथा का पाठ अवश्य करें। माना जाता है कि कथा का पाठ करने से संतान के जीवन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और तरक्की के मार्ग खुलते हैं।
5. भोग: माता को पूरी और किसी मिठाई का भोग अर्पित किया जाता है।
6. कामना: अहोई माता से संतान के जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।
7. तारों को अर्घ्य: सायंकाल, तारों को देखकर माताएं उन्हें अर्घ्य देती हैं और संतान की लंबी उम्र, सुखद जीवन और स्वास्थ्य की कामना करती हैं।
8. पारण और सम्मान: तारों को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। व्रत खोलने से पहले घर के बुजुर्गों को सम्मान स्वरूप वस्त्र या आवश्यक सामग्री भेंट करने की परंपरा है।
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अहोई अष्टमी पर क्या करें और क्या न करें? (Ahoi Ashtami 2025 Do’s and Don’ts)
इस पावन दिन पर कुछ विशेष नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक माना गया है:
क्या करें (Do’s)
• सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
• पूजा-अर्चना और व्रत कथा का पाठ करें।
• अहोई माता से संतान के करियर में तरक्की और लंबी आयु की कामना करें।
• इस दिन अन्न-धन समेत अन्य चीजों का दान करने का विशेष महत्व है।
• व्रत का पारण करते समय केवल सात्विक भोजन का सेवन करें।
क्या न करें (Don’ts)
• भूलकर भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
• किसी के बारे में गलत न सोचें और किसी से वाद-विवाद या लड़ाई-झगड़ा न करें।
• इस दिन जमीन की खुदाई करना वर्जित माना गया है।
• फल और सब्जियों को काटने से बचें।
• व्रत के दिन दूध का प्रयोग भी निषिद्ध होता है।
अहोई अष्टमी व्रत का महत्व:Importance of Ahoi Ashtami fast
Ahoi Ashtami 2025 अहोई अष्टमी व्रत का विशेष महत्व माताओं और परिवार के लिए है। यह न केवल संतान की रक्षा और स्वास्थ्य की कामना के लिए किया जाता है, बल्कि पूरे परिवार में समृद्धि, सुख और वैभव लाने का भी माध्यम है। Ahoi Ashtami 2025 यह व्रत करने से संतान को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, साथ ही बच्चे के करियर में तरक्की भी होती है।




