Aaj Ka Panchang

Aaj Ka Panchang जय श्री राम
🌞~ आज का पंचांग ~🌞
⛅दिनांक – 20 सितम्बर 2024
⛅दिन – शुक्रवार
🌥️संवत्सर –काल युक्त
🌥️शक संवत –1946
⛅विक्रम संवत् – 2081
🌥️कलि युगाब्द –5126
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – शरद
⛅मास – आश्विन

Aaj Ka Panchang ⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – तृतीया रात्रि 09:15 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅नक्षत्र – अश्विनी रात्रि 02:43 सितम्बर 21 तक तत्पश्चात भरणी
⛅योग – ध्रुव दोपहर 03:19 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅राहु काल – प्रातः 11:02 से दोपहर 12:33 तक
⛅सूर्योदय – 05:57
⛅सूर्यास्त – 06:03
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
🔥 अग्निवास🔥

Aaj Ka Panchang
Aaj Ka Panchang

18+06+01=25÷4=01 स्वर्ग लोक में।❌❌
🔱 शिववास🔱
18+18+5=41÷7 =06 क्रीड़ायाम वासे। ❌❌
🌥️व्रत पर्व विवरण – तृतीया श्राद्ध, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:28 से रात्रि 02:43 सितम्बर 21 तक)
⛅विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रु वृद्धि करता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌷 श्राद्ध के दिन 🌷
🙏🏻 जिस दिन आप के घर में श्राद्ध हो उस दिन गीता का सातवें अध्याय का पाठ करें । पाठ करते समय जल भर के रखें । पाठ पूरा हो तो जल सूर्य भगवन को अर्घ्य दें और कहें की हमारे पितृ के लिए हम अर्पण करते हें। जिनका श्राद्ध है , उनके लिए आज का गीता पाठ अर्पण।

Aaj Ka Panchang 🌷 श्राद्ध कर्म 🌷
🌞 अगर पंडित से श्राद्ध नहीं करा पाते तो सूर्य नारायण के आगे अपने बगल खुले करके (दोनों हाथ ऊपर करके) बोलें :
🌞 “हे सूर्य नारायण ! मेरे पिता (नाम), अमुक (नाम) का बेटा, अमुक जाति (नाम), (अगर जाति, कुल, गोत्र नहीं याद तो ब्रह्म गोत्र बोल दे) को आप संतुष्ट/सुखी रखें । इस निमित मैं आपको अर्घ्य व भोजन कराता हूँ ।” ऐसा करके आप सूर्य भगवान को अर्घ्य दें और भोग लगायें ।
🌷 तुलसी 🌷
🌿 श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला है | पद्मपुराण

🌷 श्राद्ध के लिए विशेष मंत्र 🌷
🙏 ” ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा । “
🌞 इस मंत्र का जप करके हाथ उठाकर सूर्य नारायण को पितृ की तृप्ति एवं सदगति के लिए प्रार्थना करें । स्वधा ब्रह्माजी की मानस पुत्री हैं । इस मंत्र के जप से पितृ की तृप्ति अवश्य होती है और श्राद्ध में जो त्रुटी रह गई हो वे भी पूर्ण हो जाती हैं।

Aaj Ka Panchang🌷 श्राद्ध में करने योग्य 🌷
🙏 श्राद्ध पक्ष में १ माला रोज द्वादश मंत्र ” ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ” की करनी चाहिए और उस माला का फल नित्य अपने पितृ को अर्पण करना चाहिए।

दीप – प्रज्वलन अनिवार्य क्यों ?

🌷 भारतीय संस्कृति में धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दीपक प्रज्वलित करने की परम्परा है । दीपक हमें अज्ञानरुपी अंधकार को दूर करके पूर्ण ज्ञान को प्राप्त करने का संदेश देता है । आरती करते समय दीपक जलाने के पीछे उद्देश्य यही होता है कि प्रभु हमें अज्ञान-अंधकार से आत्मिक ज्ञान-प्रकाश की ओर ले चलें ।

🌷मनुष्य पुरुषार्थ कर संसार से अंधकार दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाये ऐसा संदेश दीपक हमें देता है । दीपावली पर्व में, अमावस्या की अँधेरी रात में दीप जलाने के पीछे भी यही उद्देश्य छुपा हुआ है । घर में तुलसी की क्यारी के पास भी दीप जलाये जाते हैं । किसी भी नये कार्य की शुरुआत भी दीप जलाकर की जाती है । अच्छे संस्कारी पुत्र को भी कुल-दीपक कहा जाता है ।

Aaj Ka Panchang 🌹अमृतफल आँवला
🌷आँवला धातुवर्धक श्रेष्ठ रसायन द्रव्य है । इसके नित्य सेवन से शरीर में तेज, ओज, शक्ति, स्फूर्ति तथा वीर्य की वृद्धि होती है । यह टूटी हुई अस्थियों को जोड़ने में सहायक है तथा दाँतों को मजबूती प्रदान करता है । इसके सेवन से आयु, स्मृति व बल बढ़ता है । ह्रदय एवं मस्तिष्क को शक्ति मिलती है । बालों की जड़ें मजबूत होकर बाल काले होते हैं ।
🌷ताजे आँवले के रस में नारंगी के रस की अपेक्षा २० गुना अधिक विटामिन ‘सी’ होता है ।

हृदय की तीव्र गति अथवा दुर्बलता, रक्त-संचार में रुकावट आदि विकारों में आँवले के सेवन से लाभ होता है । आँवले के सेवन से त्वचा का रंग निखर आता है व कांति बढ़ती है ।
🌷वर्षभर किसी-न-किसी रूप में आँवले का सेवन अवस्य करना चाहिए । यह वर्षभर निरोगता व स्वास्थ्य प्रदान करनेवाली दिव्य औषधि है ।
🙏🏻🌷🍀🌼🌹🌻🌸🌺💐🙏🏻
पंचक
16 सितम्बर 2024 सोमवार को सुबह 05:45 बजे से 20 सितम्बर 2024 दिन शुक्रवार को सुबह 05:15 बजे तक।
🌹🌹 M

पितरपक्ष

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *