Aaj Ka Panchang (आज का पंचांग)
🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅दिनांक – 9 सितम्बर 2024
⛅दिन – सोमवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – शरद
⛅मास – भाद्रपद
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – षष्ठी रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅नक्षत्र – विशाखा शाम 06:04 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅योग – वैधृति रात्रि 12:33 सितम्बर 10 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅राहु काल – प्रातः 07:57 से प्रातः 09:31 तक
⛅सूर्योदय – 06:24
⛅सूर्यास्त – 06:49
⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:52 से 05:38 तक
⛅ अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:12 से दोपहर 01:01 तक
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:14 सितम्बर 10 से रात्रि 01:00 सितम्बर 10 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण – स्कन्द षष्ठी, सर्वार्थ सिद्धि योग (शाम 06:04 से प्रातः 06:25 सितम्बर 10 तक)
⛅विशेष – षष्ठी को नीम-भक्षण (पत्ती फल खाने या दातुन मुंह में डालने) से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
Aaj Ka Panchang 🔹ब्रह्मचर्य : शरीर का तीसरा उपस्तंभ🔹
🔸शरीर, मन, बुद्धि व इन्द्रियो को आहार से पुष्टि, निद्रा, मन, बुद्धि व इऩ्द्रियों को आहार से पुष्टि, निद्रा से विश्रांति व ब्रह्मचर्य से बल की प्राप्ति होती है ।
ब्रह्मचर्य परं बलम् ।
ब्रह्मचर्य का अर्थः
Aaj Ka Panchang 🔸‘सर्व अवस्थाओं में मन, वचन और कर्म तीनों से मैथुन का सदैव त्याग हो, उसे ब्रह्मचर्य कहते हैं ।’ (याज्ञवल्क्य संहिता)
👉 ब्रह्मचर्य से शरीर को धारण करने वाली सप्तम धातु शुक्र की रक्षा करती है । शुक्र सम्पन्न व्यक्ति स्वस्थ, बलवान, बुद्धिमान व दीर्घायुषी होते हैं ।
👉 ब्रह्मचर्य से व्यक्ति कुशाग्र व निर्मल बुद्धि, तीव्र स्मरणशक्ति, दृढ़ निश्चय, धैर्य, समझ व सद्विचारों से सम्पन्न तथा आनंदवान होते हैं ।
👉 वृद्धावस्था तक उनकी सभी इन्द्रियाँ, दाँत, केश व दृष्टि सुदृढ़ रहती है । रोग सहसा उनके पास नहीं आते । क्वचित् आ भी जायें तो अल्प उपचारों से शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं ।
🌹 भगवान धन्वंतरि ने ब्रह्मचर्य की महिमा का वर्णन करते हुए कहा हैः
🔸‘अकाल मृत्यु, अकाल वृद्धत्व, दुःख, रोग आदि का नाश करने के सभी उपायों में ब्रह्मचर्य का पालन सर्वश्रेष्ठ उपाय है । यह अमृत के समान सभी सुखों का मूल है यह मैं सत्य कहता हूँ ।’
🔸जैसे दही में समाविष्ट मक्खन का अंश मंथन प्रक्रिया से दही से अलग हो जाता है, वैसे ही शरीर के प्रत्येक कण में समाहित सप्त धातुओं का सारस्वरूप परमोत्कृष्ट ओज मैथुन प्रक्रिया से शरीर से अलग हो जाता है । ओजक्षय से व्यक्ति असार, दुर्बल, रोगग्रस्त, दुःखी, भयभीत, क्रोधी व चिंतित होता है ।
Aaj Ka Panchang 🔹शुक्रक्षय के लक्षण (चरक संहिता)🔹
🔸शुक्र के क्षय होने पर व्यक्ति में दुर्बलता, मुख का सूखना, शरीर में पीलापन, शरीर व इन्द्रियों में शिथिलता (अकार्यक्षमता), अल्प श्रम से थकावट व नपुंसकता ये लक्षण उत्पन्न होते हैं ।
🔹अति मैथुन से होने वाली व्याधियाँ🔹
🔸ज्वर (बुखार), श्वास, खाँसी, क्षयरोग, पाण्डू, दुर्बलता, उदरशूल व आक्षेपक (Convulsions- मस्तिष्क के असंतुलन से आनेवाली खेंच) आदि ।
🔸 ब्रह्मचर्य रक्षा के उपाय 🔸
Aaj Ka Panchang 🔹 ब्रह्मचर्य-पालन का दृढ़ शुभसंकल्प, पवित्र, सादा रहन-सहन, सात्त्विक, ताजा अल्पाहार, शुद्ध वायु-सेवन, सूर्यस्नान, व्रत-उपवास, योगासन, प्राणायाम, ॐकार का दीर्घ उच्चारण, ‘ॐ अर्यामायै नमः’ मंत्र का पावन जप, शास्त्राध्ययन, सतत श्रेष्ठ कार्यों में रत रहना, सयंमी व सदाचारी व्यक्तियों का संग, रात को जल्दी सोकर ब्राह्ममुहूर्त में उठना, प्रातः शीतल जल से स्नान, प्रातः-सांय शीतल जल से जननेन्द्रिय-स्नान, कौपीन धारण, निर्व्यसनता, कुदृश्य-कुश्रवण-कुसंगति का त्याग, पुरुषों के लिए परस्त्री के प्रति मातृभाव, स्त्रियों के लिए परपुरुष के प्रति पितृ या भ्रातृ भाव – इन उपायों से ब्रह्मचर्य की रक्षा होती है ।
Aaj Ka Panchang 🔸 स्त्रियों के लिए परपुरुष के साथ एकांत में बैठना, गुप्त वार्तालाप करना, स्वच्छंदता से घूमना, भड़कीले वस्त्र पहनना, कामोद्दीपक श्रृंगार करके घूमना – ये ब्रह्मचर्य पालन में बाधक हैं । जितना धर्ममय, परोपकार-परायण व साधनामय जीवन, उतनी ही देहासक्ति क्षीण होने से ब्रह्मचर्य का पालन सहज-स्वाभाविक रूप से हो जाता है । नैष्ठिक ब्रह्मचर्य आत्मानुभूति में परम आवश्यक है ।
🌞🚩🚩 ” ll जय श्री राम ll ” 🚩🚩🌞
Aaj Ka Panchang (English Mai) 9/09/2024
~ Today’s Hindu Calendar ⛅Nakshatra – Vishakha till 06:04 pm and then Anuradha ⛅Yoga – Vaidhriti till 12:33 pm on September 10 and then Vishkambh ⛅Rahu Kaal – 07:57 am to 09:31 am ⛅Sunrise – 06:24 ⛅Sunset – 06:49 ⛅Disha Shool – East direction In
⛅Brahma Muhurta – from 04:52 to 05:38 in the morning
⛅ Abhijeet Muhurta – from 12:12 in the afternoon to 01:01 in the afternoon
⛅ Nishita Muhurta – from 12:14 in the night of September 10 to 01:00 in the night of September 10
⛅ Vrat festival details – Skanda Shashthi, Sarvartha Siddhi Yoga (from 06:04 PM to 06:25 AM on September 10)
⛅Special – By consuming neem (eating leaves and fruits or putting toothpicks in mouth) on Shashthi, one gets lower births. (Brahmavaivarta Purana, Brahma Khand: 27.29-34) 🔹Celibacy: The third pillar of the body🔹 🔸The body, mind, intellect and senses are strengthened by food, sleep, the mind, intellect and senses are strengthened by food, rest by sleep and strength by celibacy. Is achieved.
Celibacy is the ultimate blessing.
Meaning of celibacy: 🔸 ‘Always giving up sexual intercourse through mind, words and actions in all situations is called celibacy.’ (Yagyavalkya Samhita) 👉 Venus, the seventh metal that sustains the body, protects from celibacy. People blessed with Venus are healthy, strong, intelligent and long lived.
👉 Brahmacharya makes a person sharp and clear intellect, has a sharp memory, strong determination, patience, understanding and good thoughts and is happy.
👉 All their senses, teeth, hair and eyesight remain strong till old age. Diseases do not come to them suddenly. Even if they get infected, they get cured soon with simple treatment.
🌹 Lord Dhanvantri has described the glory of celibacy and said:
🔸’Of all the measures to destroy premature death, premature old age, sorrow, disease etc., following celibacy is the best. This is the best solution. It is like nectar and is the root of all happiness. I say this truthfully.’
🔸Just as the butter present in curd gets separated from curd by churning, similarly the essence of the seven metals is present in every particle of the body. The supreme Ojas gets separated from the body through the process of sexual intercourse. Due to loss of Ojas, a person becomes weak, diseased, sad, fearful, angry and worried.
🔹Symptoms of loss of semen (Charak Samhita)🔹
🔸Due to loss of semen, a person suffers from weakness, dry mouth, yellowness in the body, problems in the body and senses. Symptoms like laziness (inefficiency), tiredness due to little work and impotence are caused.
🔹Diseases caused by excessive sex🔹
🔸Fever, breathing problem, cough, tuberculosis, anemia, weakness, abdominal pain and convulsions (imbalance of brain) (The pull coming from) etc.
🔸 Measures to protect celibacy 🔸
🔹 Strong resolve to observe celibacy, pure, simple lifestyle, sattvik, fresh food, fresh air, sunbathing, fasting, yoga, pranayama, long pronunciation of Om, ‘Om Aryamaye Namah’ ‘Pure chanting of mantras, study of scriptures, constant engagement in noble activities, company of disciplined and virtuous people, sleeping early in the night and getting up in the Brahma Muhurta, bathing in cold water in the morning, bathing the genitals with cold water in the morning and evening, wearing a loincloth, being free from addictions , Abandonment of bad sight, bad hearing and bad company, for men, maternal feeling towards other women, for women, paternal or brotherly feeling towards other men – celibacy is protected by these measures.
🔸 For women, sitting alone with another man, having secret conversations, roaming around freely, wearing flashy clothes, roaming around with sexually arousing makeup – these are obstacles in maintaining celibacy. The more religious, charitable and spiritual life one leads, the more the attachment to the body diminishes. By doing this, celibacy is followed easily and naturally. Dedicated celibacy is extremely essential for self-realization.
🌞🚩🚩 ” ll Jai Shri Ram ll ” 🚩🚩🌞