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- Create Date November 16, 2023
- Last Updated November 16, 2023
Shrikaalbhairavashtottarashatanamavalih
श्रीकालभैरवशतोत्कर्षनामावली एक प्राचीन शाक्त ग्रन्थ है जो भगवान कालभैरव की स्तुतियों का संग्रह है। यह ग्रन्थ कालभैरव को समर्पित है और इसमें उनके विभिन्न रूपों और नामों का वर्णन किया गया है।
श्रीकालभैरवशतोत्कर्षनामावली ग्रन्थ में कालभैरव की स्तुतियों को सौ (100) नामों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक नाम के साथ एक मंत्र भी दिया गया है। इन मंत्रों का जाप करने से कालभैरव की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों को उनके सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
श्रीकालभैरवशतोत्कर्षनामावली ग्रन्थ एक महत्वपूर्ण शाक्त ग्रन्थ है जो कालभैरव के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह ग्रन्थ कालभैरव के बारे में जानकारी प्रदान करता है और उनके भक्तों को उनके आराधना के लिए मार्गदर्शन करता है।
श्रीकालभैरवशतोत्कर्षनामावली ग्रन्थ का हिंदी अनुवाद भी उपलब्ध है। इस अनुवाद को डॉ. विनय कुमार ने किया है।
श्रीकालभैरवशतोत्कर्षनामावली ग्रन्थ के कुछ प्रमुख नाम और उनके अर्थ निम्नलिखित हैं:
Shrikaalbhairavashtottarashatanamavalih
- कालभैरव: काल का भैरव
- भैरव: भय का हरण करने वाला
- रुद्र: शिव का एक रूप
- चंद्रशेखर: चंद्रमा का मुकुट धारण करने वाला
- शिव: कल्याणकारी
- शंकर: शुभकारी
- विष्णु: पालनहार
- ब्रह्मा: सृष्टिकर्ता
- गणेश: बुद्धि का देवता
- कार्तिकेय: युद्ध का देवता
- अग्नि: अग्नि का देवता
- वायु: वायु का देवता
- इंद्र: देवराज
श्रीकालभैरवशतोत्कर्षनामावली ग्रन्थ का पाठ करने से भक्तों को कालभैरव की कृपा प्राप्त होती है और उन्हें उनके सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
श्रीखण्डराजस्तोत्रम् Shrikhandrajasotram
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