दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है जो हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।
दशहरा के दो मुख्य धार्मिक कथाएं हैं। एक कथा के अनुसार, भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था, जो एक राक्षस राजा था जो लंका पर शासन करता था। दूसरी कथा के अनुसार, देवी दुर्गा ने इसी दिन महिषासुर, एक राक्षस को मार डाला था जो देवताओं और मनुष्यों पर अत्याचार कर रहा था।
दुर्गा विसर्जन का शुभ मुहूर्त : 24 अक्टूबर 2023, मंगलवार को प्रात:काल 06:27 से 08:42 बजे के बीच
दशहरे का विजय मुहूर्त : दोपहर 01:58 से 02:43 बजे के बीच
दशहरा को मनाने के कई तरीके हैं। कुछ लोग देवी दुर्गा या भगवान राम की पूजा करते हैं। अन्य लोग रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों को जलाते हैं। दशहरा के दिन कई जगहों पर भव्य मेलों और समारोहों का आयोजन किया जाता है।
दशहरा भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में भी मनाया जाता है।
2023 में, दशहरा 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
दशहरा के कुछ प्रमुख अनुष्ठान और समारोह इस प्रकार हैं:
- रावण दहन: यह दशहरा का सबसे प्रसिद्ध अनुष्ठान है। इस दिन, रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों को एक विशाल अग्नि में जलाया जाता है। यह अनुष्ठान बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- शस्त्र पूजा: दशहरा के दिन, लोग अपने हथियारों और अन्य उपकरणों की पूजा करते हैं। यह अनुष्ठान यह विश्वास व्यक्त करता है कि हथियार और उपकरण अच्छे के लिए उपयोग किए जाएंगे।
- नौ दिनों की नवरात्रि पूजा: दशहरा नवरात्रि के नौ दिनों के बाद मनाया जाता है। नवरात्रि के दौरान, लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं।
- मेले और समारोह: दशहरा के दिन, कई जगहों पर भव्य मेलों और समारोहों का आयोजन किया जाता है। इन समारोहों में संगीत, नृत्य, खेल और अन्य कार्यक्रम शामिल होते हैं।
दशहरा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। यह एक ऐसा दिन है जब लोग अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने और अच्छे के लिए काम करने का संकल्प लेते हैं।
- हिंदू मान्यता के अनुसार दशहरे के दिन देवी दुर्गा की मूर्ति एवं पूजा के कलश का विसर्जन दशमी तिथि लगने के बाद प्रात:काल अथवा अपराह्न में किया जाता है. इस साल यह शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2023 को सुबह 06:27 से 08:42 बजे के बीच रहेगा.
- हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के 9 दिनों तक देवी साधना को पूर्ण करने के बाद सबसे पहले देवी की मूर्ति का जलतीर्थ में जाकर विसर्जन करना चाहिए. इसके बाद ही नवरात्रि के व्रत का पारण और उसके बाद भगवान श्रीराम अथवा अन्य किसी देवी-देवता की पूजा प्रारंभ करना चाहिए.
- दशहरे के दिन देवी दुर्गा की मूर्ति को विसर्जन से पहले दुर्गा पंडाल में या फिर घरों में महिलाएं सिंदूर खेला के उत्सव को मनाती हैं. इस परंपरा के दौरान महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अपनी मंगलकामनाएं देती हैं.
- दशहरे के दिन भगवान श्री राम की विजय का उत्सव और उनकी विशेष पूजा करने का विधान है. इस साल भगवान राम की पूजा 24 अक्टूबर 2023 को दोपहर 01:58 से 02:43 बजे के बीच करना उचित रहेगा. हिंदू मान्यता के अनुसार दशहरे के दिन राम दरबार की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.
- दशहरे को ज्योतिष में अबूझ मुहूर्त माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार दशहरे के दिन भूमि-भवन, वाहन आदि तमाम चीजों की खरीददारी को बहुत शुभ माना गया है. इसी प्रकार दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने पर भी शुभ फलों की प्राप्ति मानी गई है.