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- Create Date October 11, 2023
- Last Updated October 11, 2023
देवी सरस्वती की स्तुति के लिए एक और संस्कृत स्तोत्र है जिसे सरस्वती स्तुति: 2 कहा जाता है। यह स्तोत्र श्री सरस्वती स्तोत्र के समान है, लेकिन यह कुछ अतिरिक्त पंक्तियों और विवरणों के साथ आता है।
सरस्वती स्तुति: 2 की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं:
श्वेतवस्त्रां शोभनां वृषध्वजहस्तिना विमानस्थितां। वन्दे सरस्वतीं देवीं विद्यारूपां सुखदायिनीम्॥
इस पंक्ति में, देवी सरस्वती को सफेद कपड़े पहने हुए और एक वृषभ पर सवार बताया गया है। वह एक विमान में बैठी हैं और उनके हाथ में एक कमल का फूल है।
वेदवेदान्ततत्त्वार्थबोधिनीम्। सर्वविद्याप्रदां सरस्वतीं वन्दे॥
इस पंक्ति में, देवी सरस्वती को वेद और वेदान्त के रहस्यों को समझने में मदद करने वाली बताया गया है। वह सभी प्रकार के ज्ञान प्रदान करती हैं।
ज्ञानदां मोक्षदां सर्वलोकहिताय। सरस्वतीं वन्दे भक्त्या सदा॥
इस पंक्ति में, देवी सरस्वती को ज्ञान और मोक्ष प्रदान करने वाली बताया गया है। वह सभी लोगों के लिए लाभदायक हैं।
सरस्वती स्तुति: 2 का पाठ करने से भी विद्या और बुद्धिमत्ता प्राप्त होती है। यह स्तोत्र उन लोगों के लिए भी विशेष रूप से लाभकारी है जो ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार की खोज में हैं।
सरस्वती स्तुति: 2 का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर बैठ जाएं और अपने सामने देवी सरस्वती की तस्वीर या प्रतिमा रखें।
- फिर, अपने हाथों को जोड़कर देवी सरस्वती को प्रणाम करें।
- अब, स्तोत्र को ध्यान से पढ़ें या सुनें।
- स्तोत्र को कम से कम तीन बार पढ़ें।
- अंत में, देवी सरस्वती से अपनी इच्छाओं को पूरा करने की प्रार्थना करें।
सरस्वती स्तुति: 2 का पाठ करने से आपको विद्या और बुद्धिमत्ता प्राप्त होगी। यह स्तोत्र उन लोगों के लिए भी विशेष रूप से लाभकारी है जो ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार की खोज में हैं।
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