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- Create Date October 10, 2023
- Last Updated October 10, 2023
राधाष्टकम 3 एक संस्कृत भजन है जो राधा के रूप और गुणों का वर्णन करता है। यह भजन 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि वल्लभाचार्य द्वारा लिखा गया था।
राधाष्टकम 3 के आठ श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में राधा के रूप और गुणों के एक अलग पहलू का वर्णन किया गया है।
राधाष्टकम 3 का पहला श्लोक इस प्रकार है:
कृष्णेन सह क्रीडन्ती, वृन्दावने मधुरं, राधा कृष्णा राधिका, त्रिगुण रूपेण स्तुता।
इस श्लोक में, वल्लभाचार्य कहते हैं कि राधा और कृष्ण वृंदावन में एक साथ खेलते हैं। वे राधा, कृष्ण और राधिका को एक ही रूप में देखते हैं, जो प्रेम, भक्ति और आनंद का प्रतीक है।
राधाष्टकम 3 के सभी आठ श्लोकों का अर्थ है:
- श्लोक 1: राधा और कृष्ण वृंदावन में एक साथ खेलते हैं।
- श्लोक 2: राधा और कृष्ण प्रेम और भक्ति के प्रतीक हैं।
- श्लोक 3: राधा और कृष्ण आनंद और समृद्धि के प्रतीक हैं।
- श्लोक 4: राधा और कृष्ण आशा और प्रेरणा के प्रतीक हैं।
- श्लोक 5: राधा और कृष्ण मोक्ष के प्रतीक हैं।
- श्लोक 6: राधा और कृष्ण सर्वव्यापी हैं।
- श्लोक 7: राधा और कृष्ण सर्वशक्तिमान हैं।
- श्लोक 8: राधा और कृष्ण सर्वोच्च हैं।
राधाष्टकम 3 एक शक्तिशाली भक्ति भजन है जो भक्तों के दिलों में राधा और कृष्ण के लिए प्रेम और भक्ति को जगा सकता है। यह भजन राधा और कृष्ण को एक ही रूप में देखता है, और उन्हें प्रेम, भक्ति और आनंद के प्रतीक के रूप में चित्रित करता है।
राधाष्टकम 3 के 8 श्लोकों का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:
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वृंदावन में, कृष्ण के साथ खेलते हुए, राधा कृष्णा राधिका, तीनों एक ही रूप में स्तुत हैं।
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राधा और कृष्ण प्रेम और भक्ति के प्रतीक हैं। वे एक साथ मिलकर आनंद और समृद्धि प्रदान करते हैं।
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राधा और कृष्ण आशा और प्रेरणा के प्रतीक हैं। वे भक्तों को उनके जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
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राधा और कृष्ण मोक्ष के प्रतीक हैं। वे भक्तों को भगवान के साथ एकता प्राप्त करने में मदद करते हैं।
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राधा और कृष्ण सर्वव्यापी हैं। वे हर जगह मौजूद हैं।
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राधा और कृष्ण सर्वशक्तिमान हैं। वे सब कुछ कर सकते हैं।
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राधा और कृष्ण सर्वोच्च हैं। वे सभी देवताओं से श्रेष्ठ हैं।
राधाष्टकम 3 एक महत्वपूर्ण भक्ति भजन है जो राधा और कृष्ण के भक्तों के लिए एक प्रेरणा है। यह भजन राधा और कृष्ण की महिमा को दर्शाता है और उन्हें प्रेम, भक्ति और आनंद के प्रतीक के रूप में चित्रित करता है।
यहां राधाष्टकम 3 के 8 श्लोकों का एक और अनुवाद दिया गया है:
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वृंदावन में, कृष्ण के साथ खेलते हुए, राधा, कृष्ण और राधिका, तीनों एक ही रूप में प्रशंसा के पात्र हैं।
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राधा और कृष्ण प्रेम और भक्ति के प्रतीक हैं। वे एक साथ मिलकर आनंद और समृद्धि प्रदान करते हैं।
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राधा और कृष्ण आशा और प्रेरणा के प्रतीक हैं। वे भक्तों को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
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राधा और कृष्ण मोक्ष के प्रतीक हैं। वे भक्तों को भगवान के साथ एकता प्राप्त करने में मदद करते हैं।
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राधा और कृष्ण सर्वव्यापी हैं।
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