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- Create Date October 10, 2023
- Last Updated July 29, 2024
श्रीराधाकृष्ण स्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो राधा और कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के वैष्णव कवि और दार्शनिक चैतन्य महाप्रभु द्वारा लिखा गया था।
श्रीराधाकृष्ण स्तोत्रम में, चैतन्य महाप्रभु राधा और कृष्ण को "परम प्रेम" का प्रतीक मानते हैं। वे राधा और कृष्ण को एक दूसरे के लिए एक अपूरणीय पूरक के रूप में देखते हैं।
श्रीराधाकृष्ण स्तोत्रम के 12 श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में राधा और कृष्ण के प्रेम और भक्ति के एक अलग पहलू का वर्णन किया गया है।
श्रीराधाकृष्ण स्तोत्रम का पहला श्लोक इस प्रकार है:
राधाकृष्ण-युगलम कृष्ण-राधा-युगलम
कृष्ण-राधा-युगलम कृष्ण-राधा-युगलम
राधा कृष्ण के रूप,
कृष्ण राधा के रूप,
राधा कृष्ण के रूप,
कृष्ण राधा के रूप।
इस श्लोक में, चैतन्य महाप्रभु राधा और कृष्ण को एक ही रूप में देखते हैं। वे राधा और कृष्ण को एक दूसरे के बिना अधूरा मानते हैं।
श्रीराधाकृष्ण स्तोत्रम एक शक्तिशाली भक्ति स्तोत्र है जो भक्तों के दिलों में राधा और कृष्ण के लिए प्रेम और भक्ति को जगा सकता है। यह स्तोत्र राधा और कृष्ण की भक्ति करने की इच्छा को प्रेरित करने में मदद कर सकता है।
श्रीराधाकृष्ण स्तोत्रम के सभी 12 श्लोकों का अर्थ है:
- श्लोक 1: राधा और कृष्ण एक ही रूप हैं। वे एक दूसरे के बिना अधूरे हैं।
- श्लोक 2: राधा और कृष्ण परम प्रेम के प्रतीक हैं। उनका प्रेम अद्वितीय और अनन्त है।
- श्लोक 3: राधा और कृष्ण प्रेम और भक्ति के आदर्श हैं। वे हमें प्रेम और भक्ति का मार्ग दिखाते हैं।
- श्लोक 4: राधा और कृष्ण हमारे लिए आशा और प्रेरणा का स्रोत हैं। वे हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
- श्लोक 5: राधा और कृष्ण हमारे लिए शांति और आनंद का स्रोत हैं। वे हमें जीवन में सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं।
- श्लोक 6: राधा और कृष्ण हमारे लिए मुक्ति का मार्ग हैं। वे हमें मोक्ष प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन करते हैं।
- श्लोक 7: राधा और कृष्ण हमारे लिए भगवान के रूप हैं। वे हमें ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति की भावना प्रदान करते हैं।
- श्लोक 8: राधा और कृष्ण हमारे लिए सर्वोच्च देवता हैं। वे हमारे सभी दुखों और कष्टों को दूर करते हैं।
- श्लोक 9: राधा और कृष्ण हमारे लिए सर्वशक्तिमान हैं। वे हमारे सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।
- श्लोक 10: राधा और कृष्ण हमारे लिए सर्वज्ञानी हैं। वे हमारे सभी प्रश्नों का उत्तर जानते हैं।
- श्लोक 11: राधा और कृष्ण हमारे लिए सर्वत्र हैं। वे हमेशा हमारे साथ हैं, चाहे हम कहीं भी हों।
- श्लोक 12: राधा और कृष्ण हमारे लिए सर्वस्व हैं। वे हमारे जीवन का अर्थ हैं।
श्रीराधाकृष्ण स्तोत्रम एक महत्वपूर्ण भक्ति स्तोत्र है जो राधा और कृष्ण के भक्तों के लिए एक प्रेरणा है। यह स्तोत्र राधा और कृष्ण की महिमा को दर्शाता है और उन्हें एक आदर्श प्रेमी और भक्त के रूप में चित्रित करता है।
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