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- Create Date October 9, 2023
- Last Updated July 29, 2024
श्री लक्ष्मी चंद्रलम्बाशोत्तरशतनामास्तोत्रम्, भगवान विष्णु की पत्नी और धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी, श्रीमती लक्ष्मी की 100 नामों की एक स्तुति है। यह स्तुति भगवान विष्णु के अवतार, भगवान कृष्ण द्वारा रचित है।
स्तुति के अनुसार, श्रीमती लक्ष्मी को "चंद्रलम्बा" कहा जाता है क्योंकि उनका मुख चंद्रमा की तरह सुंदर है। उनका वर्ण उज्ज्वल पीला है, और उनके बाल काले और घने हैं। वे चार भुजाओं वाली हैं, और उनके हाथों में कमल, धनुष, बाण और अमृत कलश हैं।
स्तुति में, भगवान कृष्ण श्रीमती लक्ष्मी की महिमा का वर्णन करते हैं। वे उन्हें समस्त सृष्टि की स्वामिनी कहते हैं, और उन्हें सभी सुखों और समृद्धि की देवी कहते हैं। वे कहते हैं कि जो कोई भी श्रीमती लक्ष्मी की पूजा करता है, वह धन, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त करता है।
श्री लक्ष्मी चंद्रलम्बाशोत्तरशतनामास्तोत्रम् एक शक्तिशाली स्तुति है जो श्रीमती लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए की जा सकती है। यह स्तुति धन, समृद्धि, सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति के लिए फायदेमंद है।
स्तुति का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:
श्री लक्ष्मी चंद्रलम्बाशोत्तरशतनामास्तोत्रम्
अथ श्रीमती लक्ष्मी चंद्रलम्बाशोत्तरशतनामास्तोत्रम्
श्री कृष्ण उवाच
चंद्रलम्बा चंद्रवदना चंद्रहासिनियोज्ज्वला। चंद्ररेखाधरी देवी चंद्रशेखरप्रिया॥
अर्थ:
हे चंद्रमा के समान सुंदर मुख वाली, चंद्रमा की तरह हंसने वाली, उज्ज्वल वर्ण वाली, चंद्रमा की तरह सुंदर रेखाओं वाली देवी, और भगवान शिव की प्रिय पत्नी, श्रीमती लक्ष्मी!
**चंद्रशेखरे शंभोश विष्णोश पार्वतीश। सर्वदेवमयी देवी चंद्रलम्बा नमोस्तुते॥
अर्थ:
हे भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान पार्वती की पत्नी, और सभी देवताओं की अधिष्ठात्री देवी, श्रीमती चंद्रलम्बा! आपको मेरा प्रणाम है।
इति श्रीमती लक्ष्मी चंद्रलम्बाशोत्तरशतनामास्तोत्रम् समाप्तम्।
स्तुति का पाठ करने की विधि:
इस स्तुति का पाठ करने के लिए, सबसे पहले एक साफ और शांत स्थान चुनें। फिर, एक आसन पर बैठें और अपने सामने एक श्रीमती लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र रखें। अब, हाथ में एक माला लें और स्तुति का पाठ शुरू करें। स्तुति का पाठ करते समय, श्रीमती लक्ष्मी के प्रति पूर्ण श्रद्धा और भक्ति रखें।
स्तुति का पाठ करने का सबसे अच्छा समय शुक्रवार है। आप इसे किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन सुबह जल्दी या शाम को सूर्यास्त के समय करना सबसे अच्छा माना जाता है।
स्तुति का पाठ करने से पहले, स्नान करके स्वच्छ हो जाएं। फिर, साफ कपड़े पहनें और एक पवित्र स्थान पर जाएं। वहां, एक आसन पर बैठें और अपने सामने एक श्रीमती लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र रखें। अब, अपने हाथों में एक माला लें और स्तुति का पाठ शुरू करें। स्तुति का पाठ करते समय, श्रीमती लक्ष्मी के प्रति पूर्ण श्रद्धा और भक्ति रखें।
स्तुति का पाठ करने के बाद, श्रीमती लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को प्रसाद अर्पित करें। आप फूल, धूप, दीप, फल और मिठाई आदि अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद, श्रीमती लक्ष्मी से अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करें।
स्तुति का पाठ करने से श्रीमती लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तुति धन, समृद्धि, सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति के लिए फायदेमंद है।
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