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  • Create Date October 7, 2023
  • Last Updated October 7, 2023

महालक्ष्मी चतुर्विंशतिनामावली एक संस्कृत स्तोत्र है जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी महालक्ष्मी की स्तुति करता है। यह स्तोत्र चौबीस श्लोकों का है, और प्रत्येक श्लोक में महालक्ष्मी के एक अलग नाम का उल्लेख किया गया है।

महालक्ष्मी चतुर्विंशतिनामावली की रचना 15वीं शताब्दी में हुई थी, और इसका श्रेय संत माधवेंद्राचार्य को दिया जाता है। यह स्तोत्र महालक्ष्मी के दिव्य गुणों और शक्तियों का वर्णन करता है।

महालक्ष्मी चतुर्विंशतिनामावली के श्लोक इस प्रकार हैं:

  1. ॐ श्रियै नमः

अर्थ: हे लक्ष्मी, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ लोकधात्र्यै नमः

अर्थ: हे लोकों की अधिपति, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ ब्रह्ममात्रे नमः

अर्थ: हे ब्रह्म की शक्ति, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ पद्मनेत्रायै नमः

अर्थ: हे कमल के समान नेत्रों वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ पद्ममुख्यै नमः

अर्थ: हे कमल के समान मुख वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ प्रसन्नमुखपद्मायै नमः

अर्थ: हे प्रसन्न मुख वाली, कमल के समान, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ पद्मकान्त्यै नमः

अर्थ: हे कमल के समान गले वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ बिल्ववनस्थायै नमः

अर्थ: हे बिल्व के वृक्ष में स्थित, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ विष्णुपत्न्यै नमः

अर्थ: हे विष्णु की पत्नी, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ विचित्रक्षौमधारिण्यै नमः

अर्थ: हे विचित्र वस्त्रों को धारण करने वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ पृथुश्रोण्यै नमः

अर्थ: हे विस्तृत नितम्ब वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ पक्वबिल्वफलापीनतुङ्गस्थन्यै नमः

अर्थ: हे पक्व बिल्व के फल को खा रही, ऊँची उठी हुई जांघों वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ सुरक्तपद्मपत्राभकरपादतलायै नमः

अर्थ: हे लाल कमल के समान पादतलों वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ शुभायै नमः

अर्थ: हे शुभ, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ सरत्नाङ्गदकेयूरकाङ्चीनूपुरशोभितायै नमः

अर्थ: हे रत्नों से अलंकृत अंगों, कर्णफूलों, कलाई के कंगन और पैरों के नूपुरों से सुशोभित, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ यक्षकर्दमसंलिप्तसर्वाङ्गायै नमः

अर्थ: हे यक्षों के कुंडल से लिपटे हुए सभी अंगों वाली, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ कटकोज्ज्वलायै नमः

अर्थ: हे कटकी के समान तेजस्वी, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ माङ्गल्याभरणैश्चित्रैर्मुक्ताहारैर्विभूषितायै नमः

अर्थ: हे मंगलमय आभूषणों और चित्रित मोतियों की माला से सुशोभित, आपको मेरा नमन है।

  1. ॐ ताटङ्कैरवतंसैश्च शोभमानमुखाम्बुजायै नमः

अर्थ: हे ताटंक और अवतंस से शोभ


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