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- Create Date October 7, 2023
- Last Updated July 29, 2024
ज्योतिर्लक्ष्मी स्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी ज्योतिर्लक्ष्मी की स्तुति करता है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों का है, और प्रत्येक श्लोक में ज्योतिर्लक्ष्मी की एक अलग विशेषता या गुण की प्रशंसा की जाती है।
ज्योतिर्लक्ष्मी स्तोत्रम की रचना 18वीं शताब्दी में हुई थी, और इसका श्रेय भक्त पुष्पा को दिया जाता है। यह स्तोत्र ज्योतिर्लक्ष्मी के अवतार, भगवान गरुड़ पर सवार श्वेत कमल पर विराजमान देवी की कल्पना करता है।
ज्योतिर्लक्ष्मी स्तोत्रम के श्लोक इस प्रकार हैं:
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हे ज्योतिर्लक्ष्मी, आप प्रकाश की देवी हैं, आप समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। आप मेरे जीवन में प्रकाश और खुशी लाती हैं, आप मुझे सभी कष्टों से बचाती हैं।
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आप श्वेत कमल पर विराजमान हैं, आपके हाथों में कमल और दीप हैं। आपका मुख मुस्कुराता हुआ है, आपकी आँखें प्रेम से भरी हैं।
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आप धन की देवी हैं, आप समृद्धि की देवी हैं। आप मेरे जीवन में धन और समृद्धि लाती हैं, आप मुझे सभी आर्थिक कष्टों से बचाती हैं।
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आप सौभाग्य की देवी हैं, आप सुख की देवी हैं। आप मेरे जीवन में सौभाग्य और सुख लाती हैं, आप मुझे सभी पारिवारिक कष्टों से बचाती हैं।
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आप ज्ञान की देवी हैं, आप बुद्धि की देवी हैं। आप मेरे जीवन में ज्ञान और बुद्धि लाती हैं, आप मुझे सभी अज्ञानता के कष्टों से बचाती हैं।
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आप शक्ति की देवी हैं, आप साहस की देवी हैं। आप मेरे जीवन में शक्ति और साहस लाती हैं, आप मुझे सभी भय के कष्टों से बचाती हैं।
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आप प्रेम की देवी हैं, आप करुणा की देवी हैं। आप मेरे जीवन में प्रेम और करुणा लाती हैं, आप मुझे सभी घृणा के कष्टों से बचाती हैं।
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हे ज्योतिर्लक्ष्मी, आप मेरे लिए सर्वस्व हैं। आप मेरे जीवन में प्रकाश, खुशी, धन, समृद्धि, सौभाग्य, ज्ञान, शक्ति, प्रेम और करुणा हैं। मैं आपके चरणों में अपना सिर झुकाता हूं, और आपकी कृपा की कामना करता हूं।
ज्योतिर्लक्ष्मी स्तोत्रम का पाठ करने से ज्योतिर्लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, और यह भक्तों को धन, समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करता है।
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