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- Create Date October 4, 2023
- Last Updated October 4, 2023
श्रीहनुमदष्टकं का पाठ निम्नलिखित है:
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।
राम दूत अतुलित बलधामा,
अष्ट सिद्धि नौ निधि लंकामा।
जय जय जय हनुमान गोसाईं,
कृपा करो गुरुदेव की नाईं।
जन के काज बिलंब न लाओ,
शीघ्र उतर कर आओ।
नमो नमो हनुमंत बाबा,
कृपा कर दो भक्त तुम्हारे।
अष्ट सिद्धि नौ निधि दाता,
कृपा कर दो मेरे ऊपर।
जैसे हनुमान तन हामी,
तुम भी हामी तन।
महावीर जब जब कोई दुखिया,
सुख कर दो उसको तन।
रामदुलारे तुम बड़े ही दयालु,
दुष्टों को मारो तुम बलशाली।
देर न करो पल भर की भी,
तुम हो मेरे राम सहाय।
लाए हैं हम रक्षा के लिए,
हनुमान चालीसा पाठ।
श्रीराम की भक्ति के साथ,
हनुमान जी की कृपा से।
श्रीहनुमदष्टकं का अर्थ निम्नलिखित है:
हे हनुमान! आप ज्ञान और गुणों के सागर हैं। आप तीनों लोकों में प्रकाशित हैं। आप श्री राम के दूत हैं और आपके पास अतुलनीय बल है। आपके पास लंका में आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ हैं।
हे हनुमान! आप गुरुदेव के समान कृपा करने वाले हैं। कृपा करके मेरे कार्यों में विलंब न करें और जल्दी ही मेरे पास आएं।
हे हनुमान! आपके आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ हैं। कृपा करके मेरे ऊपर भी अपनी कृपा करें।
हे हनुमान! मैं आपके तन का दास हूं। आप भी मेरे तन के स्वामी हैं। महावीर! जब भी कोई दुखी व्यक्ति आपको पुकारता है, तो उसे सुख प्रदान करें।
हे राम के प्रिय! आप बहुत दयालु हैं। दुष्टों का नाश आपके बल से ही होता है। कृपया एक पल भी देर न करें और मेरे राम सहाय बनें।
हमने हनुमान चालीसा का पाठ आपके रक्षा के लिए किया है। श्री राम की भक्ति के साथ, हनुमान जी की कृपा से हमें आपकी कृपा प्राप्त होगी।
श्रीहनुमदष्टकं का पाठ करने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
- जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
- रोग और पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
- बुरी आत्माओं से रक्षा होती है।
- मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
श्रीहनुमदष्टकं एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
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