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- Create Date October 3, 2023
- Last Updated October 3, 2023
नरसिंह पुराण Narsimha Puran
नरसिंह पुराण हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक है। यह एक उपपुराण है, जिसका अर्थ है कि यह एक मुख्य पुराण का एक छोटा सा संस्करण है। नरसिंह पुराण भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की कथा पर केंद्रित है।
नरसिंह पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार हिरण्यकशिपु के अत्याचारों से दुनिया को बचाने के लिए लिया था। हिरण्यकशिपु एक शक्तिशाली दैत्य था जो स्वयं को भगवान मानता था। उसने अपने पुत्र प्रह्लाद को भी भगवान विष्णु की पूजा करने से मना कर दिया। प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे और उन्होंने हिरण्यकशिपु के आदेशों का पालन नहीं किया।
हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मारने की कई कोशिशें कीं, लेकिन भगवान विष्णु ने हर बार उसकी जान बचाई। अंत में, भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया और हिरण्यकशिपु को मार डाला।
नरसिंह पुराण में भगवान विष्णु के अन्य अवतारों की भी कथाएँ हैं, जैसे मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वाराह अवतार, और राम अवतार। इसके अलावा, इस पुराण में यमराज की कहानी, हारीत संहिता, और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और अनुष्ठानों के बारे में जानकारी भी शामिल है।
नरसिंह पुराण की रचना महर्षि वेदव्यास ने की थी। आर.सी. हाज़रा के अनुसार, यह 5वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में लिखा गया था।
नरसिंह पुराण हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की कथा को बताता है, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण घटना है। इस पुराण में अन्य धार्मिक विषयों और अनुष्ठानों के बारे में भी जानकारी शामिल है।
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