Kalpataru Utsav 2026 Mein Kab Hai: कल्पतरु उत्सव 2026 भारत के प्रमुख आध्यात्मिक पर्वों में से एक है, जो परमहंस श्रीरामकृष्ण से जुड़ा हुआ अत्यंत पावन दिवस माना जाता है। यह उत्सव विशेष रूप से कोलकाता स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
Kalpataru Utsav 2026 Mein Kab Hai: कल्पतरु उत्सव 2026 कब है?
1 जनवरी 2026, गुरुवार
कल्पतरु उत्सव कैसे मनाया जाता है
दुनिया के हर एक कोने में स्थित रामकृष्ण मठ मैं, दक्षिणेश्वर मंदिर में ये उत्सव मनायी जाती है। Kalpataru Utsav 2026 कल्पतरु दिन की शुरुआत मंगल आरती, वैदिक मंत्रों के जाप, गीता के श्लोकों के जाप, चंडी पाठ, भजन गायन और श्री रामकृष्णन के जीवन और दिव्य कार्यों पर प्रवचन के साथ होता है। इसके बाद सभी के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है।
कल्पतरु उत्सव का धार्मिक व आध्यात्मिक महत्व
यह दिन आध्यात्मिक जागरण और कृपा प्राप्ति का प्रतीक है
सच्चे मन से की गई प्रार्थना शीघ्र फल देती है
आत्मिक शुद्धि और जीवन की नकारात्मकता दूर होती है
गुरु कृपा और ईश्वर की अनुकंपा प्राप्त होती है
साधना, ध्यान और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ दिन माना जाता है
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कल्पतरु उत्सव पर क्या करें?
इस पावन दिन पर श्रद्धालु निम्न कार्य करते हैं:
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें
गुरु, ईश्वर या मां काली की पूजा करें
श्रीरामकृष्ण परमहंस के विचारों का स्मरण करें
ध्यान, जप और भजन-कीर्तन करें
जरूरतमंदों को दान दें
मन, वाणी और कर्म से पवित्र रहने का संकल्प लें
कल्पतरु उत्सव पर मिलने वाले लाभ
मनोकामनाओं की पूर्ति
मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा
आध्यात्मिक उन्नति
जीवन के संकटों से मुक्ति
गुरु और ईश्वर का आशीर्वाद
