खरमास क्या होता है
जब से सूर्य बृहस्पति राशि मीन में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास या अधिकमास शुरू हो जाता है. हिन्दू धर्म में यह महीना शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए इस महीने में नए या शुभ काम नहीं किए जाते हैं. खरमास महीने के अपने कुछ अलग नियम बताए गए हैं. इस महीने में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है. मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है.
खरमास कब से कब तक रहेगा?
इस बार खरमास 15 मार्च 2022 से शुरू हो जाएंगे और 14 अप्रैल 2022 को खत्म होगा. इस दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जाता है. मान्यता है कि इस महीने में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है.
खरमास पर क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य
गुरु के स्वभाव को भी उग्र कर देने वाले इस माह को खरमास-दुष्टमास नाम से जाना जाता है। देवगुरु बृहस्पति के उग्र अस्थिर स्वभाव एवं सूर्य की धनु राशि की यात्रा और पौष मास के संयोग से बनने वाले इस मास के मध्य शादी-विवाह, गृह आरंभ, गृहप्रवेश, मुंडन, नामकरण आदि मांगलिक कार्य शास्त्रानुसार निषेध कहे गए हैं।
इन दिनों सूर्य के रथ के साथ अंशु तथा भग नाम के दो आदित्य, कश्यप और क्रतु नाम के दो ऋषि, महापद्म और कर्कोटक नाम के दो नाग, चित्रांगद तथा अरणायु नामक दो गन्धर्व सहा तथा सहस्या नाम की दो अप्सराएं, तार्क्ष्य एवं अरिष्टनेमि नामक दो यक्ष आप तथा वात नामक दो राक्षस चलते हैं।
खरमास में क्या करें और क्या न करें
- वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, मुंडन, तिलकोत्सव करने से अशुभ फल मिलता है.
- खरमास में चारपाई त्यागकर जमीन पर सोना चाहिए. इससे सूर्यदेव की कृपा बरसती है.
- खरमास में थाली छोड़कर पत्तल में भोजन करना शुभकारी माना गया है.
- इस माह लोगों को किसी से लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए, झूठ नहीं बोलना चाहिए.
- मान्यता है कि खरमास के दौरान मांस-मदिरा आदि का सेवन अशुभ फलदायक होता है.
- खरमास में भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत लाभकारी है. मां लक्ष्मी का आगमन होता है.
- तुलसी पूजा करनी चाहिए. शाम को तुलसी पौधे पर घी दीपक जलाएं. समस्याएं कम होंगी.
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