संस्कृत में प्याज के अनेक नाम:

onion meaning in Sanskrit

1. पलाण्डु: यह शब्द “पल” (पानी) और “अण्डु” (अंडा) से मिलकर बना है। यह प्याज के गोलाकार आकार और उसके अंदर स्तरों को दर्शाता है, जो एक अंडे के समान होते हैं।

उदाहरण: “शून्यगृहे पलाण्डुं कृष्णं पचति देवी।” (देवी रसोईघर में प्याज पका रही है।)

2. कृष्णावल: यह शब्द “कृष्ण” (काला) और “अवल” (पंक्ति) से मिलकर बना है। यह प्याज के गहरे रंग और उसके स्तरों को दर्शाता है, जो एक काले रंग की पंक्ति की तरह दिखते हैं।

उदाहरण: “भोजनं कृष्णावलेन सह खादति।” (वह प्याज के साथ भोजन खाता है।)

3. रोहिता: यह शब्द “रक्त” (लाल) से लिया गया है। यह प्याज के लाल रंग को दर्शाता है।

उदाहरण: “रोहितां शाके चिकित्सकः प्रयोजयति।” (चिकित्सक भोजन में लाल प्याज का उपयोग करता है।)

4. श्वेतरोहिता: यह शब्द “श्वेत” (सफेद) और “रोहिता” (लाल) से मिलकर बना है। यह सफेद प्याज के लाल रंग के छिलके को दर्शाता है।

उदाहरण: “श्वेतरोहितायाः शाकं स्वादिष्टं भवति।” (सफेद प्याज की सब्जी स्वादिष्ट होती है।)

5. लवणकन्द: यह शब्द “लवण” (नमक) और “कन्द” (कंद) से मिलकर बना है। यह प्याज के स्वाद को दर्शाता है, जो थोड़ा नमकीन होता है और इसका एक भूमिगत कंद होता है।

उदाहरण: “लवणकन्दं भोजने उपयुज्यते।” (प्याज का उपयोग भोजन में किया जाता है।)

6. गुरुव्याकरणटीका: यह एक विनोदी नाम है जो प्याज के स्तरों को व्याकरण के ग्रंथों में अध्यायों की तरह दर्शाता है।

उदाहरण: “शाककौशलं गुरुव्याकरणटीकया सह तुल्यं भवति।” (प्याज पकाने की कला व्याकरण के ग्रंथों के अध्ययन के समान है।)

7. उका: यह शब्द प्याज की तीखी गंध को दर्शाता है।

उदाहरण: “उकागन्धः श्वासं रुन्धति।” (प्याज की गंध सांस लेने में बाधा डालती है।)

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सभी नाम विभिन्न क्षेत्रों और कालखंडों में उपयोग किए जाते थे।

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