श्री विश्वकर्मा के 108 नाम: एक पवित्र मंत्र

श्री विश्वकर्मा, हिंदू धर्म में कर्मकारों और शिल्पकारों के देवता हैं। वे सभी प्रकार के निर्माण कार्य के देवता माने जाते हैं। मान्यता है कि उनके 108 नामों का जाप करने से व्यक्ति को आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके सभी कार्य सिद्ध होते हैं।

विश्वकर्मा जी के 108 नामों का महत्व:

  • आशीर्वाद प्राप्ति: इन नामों का जाप करने से व्यक्ति को विश्वकर्मा जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • कार्य सिद्धि: ये नाम कार्य सिद्धि के लिए बहुत प्रभावी माने जाते हैं।
  • रचनात्मकता का विकास: ये नाम रचनात्मकता को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
  • कर्म क्षेत्र में सफलता: ये नाम कर्म क्षेत्र में सफलता दिलाने में सहायक होते हैं।

कब करें जाप:

  • विश्वकर्मा जयंती के दिन
  • किसी भी नए कार्य को शुरू करने से पहले
  • किसी भी कठिन कार्य को करने से पहले

कैसे करें जाप:

  • एक शांत जगह पर बैठकर ध्यान लगाएं।
  • विश्वकर्मा जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  • 108 बार इन नामों का जाप करें।
  • जाप करते समय मन में विश्वकर्मा जी का ध्यान करें।

विश्वकर्मा जी के 108 नामों का महत्व:

विश्वकर्मा जी के 108 नामों का जाप करने से व्यक्ति को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यह एक बहुत ही पवित्र और प्रभावी मंत्र है।

विश्वकर्मा

श्री विश्वकर्मा 108 नाम (Vishwakarma 108 Naam)

भगवान श्री विश्वकर्मा जी के 108 नाम
ॐ विश्वकर्मणे नमः
ॐ विश्वात्मने नमः
ॐ विश्वस्माय नमः
ॐ विश्वधाराय नमः
ॐ विश्वधर्माय नमः
ॐ विरजे नमः
ॐ विश्वेक्ष्वराय नमः
ॐ विष्णवे नमः
ॐ विश्वधराय नमः
ॐ विश्वकराय नमः ।10

ॐ वास्तोष्पतये नमः
ॐ विश्वभंराय नमः
ॐ वर्मिणे नमः
ॐ वरदाय नमः
ॐ विश्वेशाधिपतये नमः
ॐ वितलाय नमः
ॐ विशभुंजाय नमः
ॐ विश्वव्यापिने नमः
ॐ देवाय नमः
ॐ धार्मिणे नमः ।20

ॐ धीराय नमः
ॐ धराय नमः
ॐ परात्मने नमः
ॐ पुरुषाय नमः
ॐ धर्मात्मने नमः
ॐ श्वेतांगाय नमः
ॐ श्वेतवस्त्राय नमः
ॐ हंसवाहनाय नमः
ॐ त्रिगुणात्मने नमः
ॐ सत्यात्मने नमः ।30

ॐ गुणवल्लभाय नमः
ॐ भूकल्पाय नमः
ॐ भूलेंकाय नमः
ॐ भुवलेकाय नमः
ॐ चतुर्भुजय नमः
ॐ विश्वरुपाय नमः
ॐ विश्वव्यापक नमः
ॐ अनन्ताय नमः
ॐ अन्ताय नमः
ॐ आह्माने नमः ।40

ॐ अतलाय नमः
ॐ आघ्रात्मने नमः
ॐ अनन्तमुखाय नमः
ॐ अनन्तभूजाय नमः
ॐ अनन्तयक्षुय नमः
ॐ अनन्तकल्पाय नमः
ॐ अनन्तशक्तिभूते नमः
ॐ अतिसूक्ष्माय नमः
ॐ त्रिनेत्राय नमः
ॐ कंबीघराय नमः ।50

ॐ ज्ञानमुद्राय नमः
ॐ सूत्रात्मने नमः
ॐ सूत्रधराय नमः
ॐ महलोकाय नमः
ॐ जनलोकाय नमः
ॐ तषोलोकाय नमः
ॐ सत्यकोकाय नमः
ॐ सुतलाय नमः
ॐ सलातलाय नमः
ॐ महातलाय नमः ।60

ॐ रसातलाय नमः
ॐ पातालाय नमः
ॐ मनुषपिणे नमः
ॐ त्वष्टे नमः
ॐ देवज्ञाय नमः
ॐ पूर्णप्रभाय नमः
ॐ ह्रदयवासिने नमः
ॐ दुष्टदमनाथ नमः
ॐ देवधराय नमः
ॐ स्थिर कराय नमः ।70

ॐ वासपात्रे नमः
ॐ पूर्णानंदाय नमः
ॐ सानन्दाय नमः
ॐ सर्वेश्वरांय नमः
ॐ परमेश्वराय नमः
ॐ तेजात्मने नमः
ॐ परमात्मने नमः
ॐ कृतिपतये नमः
ॐ बृहद् स्मणय नमः
ॐ ब्रह्मांडाय नमः ।80

ॐ भुवनपतये नमः
ॐ त्रिभुवनाथ नमः
ॐ सतातनाथ नमः
ॐ सर्वादये नमः
ॐ कर्षापाय नमः
ॐ हर्षाय नमः
ॐ सुखकत्रे नमः
ॐ दुखहर्त्रे नमः
ॐ निर्विकल्पाय नमः
ॐ निर्विधाय नमः ।90

ॐ निस्माय नमः
ॐ निराधाराय नमः
ॐ निकाकाराय नमः
ॐ महदुर्लभाय नमः
ॐ निमोहाय नमः
ॐ शांतिमुर्तय नमः
ॐ शांतिदात्रे नमः
ॐ मोक्षदात्रे नमः
ॐ स्थवीराय नमः
ॐ सूक्ष्माय नमः
ॐ निर्मोहय नमः ।100

ॐ धराधराय नमः
ॐ स्थूतिस्माय नमः
ॐ विश्वरक्षकाय नमः
ॐ दुर्लभाय नमः
ॐ स्वर्गलोकाय नमः
ॐ पंचवकत्राय नमः
ॐ विश्वलल्लभाय नमः।108

विश्वकर्मा

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