Shri Ram Stuti:श्री राम स्तुति

Shri Ram Stuti:भगवान राम की स्तुति करने का एक प्राचीन और पवित्र तरीका है। यह भक्ति और आध्यात्मिकता का एक अभिव्यक्ति है, जिसमें भक्त भगवान राम के गुणों और कृपा का गुणगान करते हैं। Shri Ram Stuti श्री राम स्तुति में भगवान राम को आदर्श पुरुष के रूप में देखा जाता है, जो धर्म, कर्तव्य और सत्य के प्रतीक हैं।

Shri Ram Stuti:श्री राम स्तुति का महत्व

  • आध्यात्मिक विकास: श्री राम स्तुति करने से मन शांत होता है और आध्यात्मिक विकास होता है।
  • मन की शुद्धि: यह मन को शुद्ध करने और नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद करती है।
  • आशीर्वाद प्राप्ति: भगवान राम की कृपा प्राप्त करने के लिए श्री राम स्तुति की जाती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।

Shri Ram Stuti:श्री राम स्तुति के कुछ लोकप्रिय उदाहरण

  • श्री रामचंद्र कृपालु भजमन: यह शायद सबसे प्रसिद्ध श्री राम स्तुति है। Shri Ram Stuti इस स्तुति में भगवान राम की कृपा और दया का गुणगान किया गया है।
  • श्री राम जय राम जय जय राम: यह एक बहुत ही सरल और प्रभावी मंत्र है, जिसे आसानी से याद किया जा सकता है।
  • रामचरितमानस के दोहे: तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस में कई ऐसे दोहे हैं, जो श्री राम स्तुति के रूप में प्रसिद्ध हैं।

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Shri Ram Stuti श्री राम स्तुति कैसे करें

श्री राम स्तुति Shri Ram Stuti करने के लिए किसी विशेष तरीके की आवश्यकता नहीं होती। आप अपने मन से या किसी भी स्तुति को पढ़कर भगवान राम की स्तुति कर सकते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप भगवान राम के प्रति अपने मन में श्रद्धा और भक्ति रखें।

Shri Ram Stuti

श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti)

॥दोहा॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥

शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥

इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥

मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥

एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

॥सोरठा॥
जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।

रचयिता: गोस्वामी तुलसीदास

Shri Ram Stuti:यहां एक सरल श्री राम स्तुति दी गई है:

Shri Ram Stuti

जय राम जय राम जय जय रामसीता राम सीता रामराम नाम जपते रहोमन का भय सब दूर हो

आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी श्री राम स्तुति चुन सकते हैं और नियमित रूप से इसका जाप कर सकते हैं।

श्री राम की कृपा से आप सभी सुखी हों!

क्या आप कोई विशेष श्री राम स्तुति जानना चाहते हैं या इस विषय में कुछ और जानना चाहते हैं?

मैं आपकी मदद करने के लिए तैयार हूं।

कृपया ध्यान दें कि यह जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है और किसी भी धार्मिक संप्रदाय या व्यक्तिगत विश्वास को प्रतिबिंबित नहीं करती है।

यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:

  • श्री राम जयंती: भगवान राम का जन्मदिन हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन श्री राम स्तुति Shri Ram Stuti का विशेष महत्व होता है।
  • राम नवमी: राम नवमी भी भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं।

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