Mahakumbh Amrit Snan Akhada Snan Timing: महाकुंभ 2025 का आगाज पौष पूर्णिमा पर शाही स्नान के साथ हो गया। इस महाकुंभ में छह शाही स्नान हैं। इसमें से तीन अमृत स्नान होंगे। पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के मौके पर मंगलवार 14 जनवरी को होगा। इसके अलावा मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी और बसंत पंचमी पर 3 फरवरी अन्य दो अमृत स्नान होंगे।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज prayagraj में भक्तों का सैलाब संगम तट पर उमड़ पड़ा है। पौष पूर्णिमा के मौके पर पहला शाही स्नान पर्व का आयोजन हुआ। सुबह से लोगों की भीड़ संगम तट पर उमड़ पड़ी। एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पहले शाही स्नान के दौरान संगम में डुबकी लगाई। पौष पूर्णिमा के साथ ही ही संगम तट पर 45 दिनों के कल्पवास की शुरुआत हो गई है। इसको लेकर देश-दुनिया से लोग संगम नगरी पहुंचे हैं। वहीं, सभी 13 अखाड़ों का डेरा संगम तट पर जम गया है। महाकुंभ के सबसे बड़े आकर्षण अखाड़ों के अमृत स्नान का कार्यक्रम मंगलवार सुबह से होगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से अखाड़ों के अमृत स्नान का समय और क्रम जारी कर दिया है।

अमृत स्नान पर्व पर सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के संत-महंत और महामंडलेश्वर अमृत स्नान करेंगे। परंपरागत तरीके से सबसे पहले सातों संन्यासी, इसके बाद तीनों वैरागी और सबसे अंत में तीनों उदासीन अखाड़ों का अमृत स्नान होगा। रविवार को इस संबंध में अखाड़ों से चर्चा और विमर्श के बाद अमृत स्नान पर्व की समय सीमा का निर्धारण किया गया है। अमृत स्नान के लिए अखाड़ों के संत सुबह 5:15 बजे से अपने अखाड़ों से निकलना शुरू होंगे।

30 मिनट से एक घंटे का समय

मेला प्राधिकरण की ओर से अमृत स्नान के दौरान अखाड़ों को 30 मिनट से एक घंटे का समय आवंटित किया गया है। अखाड़ों के स्नान के दौरान सड़कों को खाली रखा जाएगा। इसको लेकर प्रशासनिक तैयारियां पहले से पूरी कराई जा चुकी हैं। सबसे पहले श्री पंचायत अखाड़ा महानिर्वाणी एवं श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के संत स्नान के लिए निकलेंगे। सबसे आखिर में निर्मल अखाड़े के संत पुण्य संगम की डुबकी लगाएंगे।

अखाड़ों के अमृत स्नान की समय सारिणी

अखाड़ों का नामशिविर से प्रस्थानघाट पर आगमनस्नान का समयघाट से प्रस्थान
श्री पंचायत अखाड़ा महानिर्वाणी एवंश्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा5:15 बजे6:15 बजे40 मिनट6:55 बजे
श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ाएवं श्री पंचायती अखाड़ा आनंद6:05 बजे7:05 बजे40 मिनट7:45 बजे
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ाएवं श्री पंच अग्नि अखाड़ा7:00 बजे8:00 बजे40 मिनट8:40 बजे
अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अखाड़ा9:40 बजे10:40 बजे30 मिनट11:10 बजे
अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा10:20 बजे11:20 बजे50 मिनट12:10 बजे
अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अखाड़ा11:20 बजे12:20 बजे30 मिनट12:50 बजे
श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा12:15 बजे13:15 बजे55 मिनट14:10 बजे
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण13:20 बजे14:20 बजे60 मिनट15:20बजे
श्री पंचायत निर्मल अखाड़ा14:40 बजे15:40 बजे40 मिनट16:20 बजे

अखाड़ों के संत सुबह 5.15 बजे से बैंडबाजा, डीजे के साथ रथों पर सवार होकर स्नान के लिए निकलेंगे। अमृत स्नान के लिए निकलने वाली यात्रा में संतों के शिष्य और अनुयायी चंवर, छत्र, दंड लिए पुष्पवर्षा करते हुए साथ-साथ चलेंगे। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने अखाड़ों से अनुरोध किया है कि उनके साथ स्नान के लिए जाने वाले खालसों, महामंडलेश्वरों, आचार्य महामंडलेश्वर की संख्या मेला प्रशासन को भेज गई सूची के अनुसार ही सीमित रखें।

अखाड़ों के लिए रूट मैप जारी

अमृत स्नान के साथ जाने वाले रथों एवं वाहनों की संख्या मेला पुलिस की ओर से जारी पास के अनुसार रखी जाएगी। त्रिवेणी मार्ग सेक्टर-20 से पीपा पुल संख्या-6 त्रिवेणी दक्षिणी और पीपा पुल संख्या-7 त्रिवेणी मध्य के जरिए गंगा पार कर संगम क्षेत्र (सेक्टर-3) में अमृत स्नान के लिए अखाड़ों का आगमन होगा। त्रिवेणी मार्ग और अखाड़ा मार्ग क्रॉसिंग से बाएं मुड़कर निर्धारित संगम घाट पर स्नान की व्यवस्था की गई है। संगम क्षेत्र में अखाड़ों के वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है।

संगम में स्नान के बाद अखाड़ों के संत और अनुयायी सेक्टर तीन अखाड़ा वापसी मार्ग से दाहिने मुड़कर पीपा पुल संख्या-3 महावीर दक्षिण और पीपा पुल संख्या-4 महावीर उत्तरी से गंगा पार कर सेक्टर-20 में प्रवेश करेंगे। पीपा पुल से महावीर मार्ग, महावीर संगम लोवर और उसके बाद महावीर संगम लोवर मार्ग क्रॉसिंग से बाएं (उत्तर मुड़कर) अखाड़ा वापसी मार्ग से होकर अपने-अपने शिविर में जाएंगे। संन्यासी अखाड़े काली मार्ग से होकर अपने शिविर में प्रवेश करेंगे।

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