नवसंवत्सर की शुरुआत में मंगल और राहु-केतु अपनी उच्च राशि में रहेंगे वहीं, शनि खुद की ही राशि मकर में होगा। नववर्ष के सूर्योदय की कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भाग्य और लाभ का शुभ योग बन रहा है। इस योग के प्रभाव से ये साल मिथुन, तुला और धनु राशि वाले लोगों के लिए बहुत शुभ रहेगा। वहीं, अन्य राशियों के लिए बड़े बदलाव का समय रहेगा। ग्रहों का ऐसा संयोग 1563 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 22 मार्च 459 को ये ग्रह स्थिति बनी थी।

इस बार नव संवत्सर 2079 शनिवार, 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है। चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी। नवरात्रि के दौरान मां आदिशक्ति की मंदिरों के साथ घर घर में आराधना होगी। मां इस बार नव संवत्सर 2079 शनिवार, 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है। चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी।

रामदेव मिश्र शास्त्री ने बताया कि नए संवत्सर का नाम नल है और राजा शनि देव तो मंत्री वृहस्पति रहेंगे। शनिवार से ही चैत्र नवरात्र भी शुरू हो जाएगी। नवरात्र व्रत का पारण 11 अप्रैल सोमवार को प्रातः काल में किया जाएगा। इसी दिन धर्मराज दशमी भी मनाया जाएगा।

ये नववर्ष रेवती नक्षत्र में शुरू होगा। इसके स्वामी बुध हैं। बुध के कारण कारोबार में फायदा होता है इसलिए इस नक्षत्र में खरीदी-बिक्री करना शुभ माना जाता है। व्यापार का कारक बुध भी इस नक्षत्र में रहेगा। जिससे बड़े लेन-देन और निवेश के लिए पूरा साल शुभ रहेगा।

साल की शुरुआत मीन राशि में हो रही है। जिसके स्वामी गुरु है। इसलिए ये समय सबके लिए शुभ रहेगा। पूरे नवरात्र में मंगल अपने ही नक्षत्र में रहेगा। साथ ही 5 दिन उच्च राशि में रहेगा। जिससे प्रॉपर्टी के कारोबार में तेजी आने के योग हैं। वहीं, बृहस्पति के कारण खरीदारी से सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

इस बार नव वर्ष की शुरुआत सरल, सत्कीर्ति और वेशि राजयोगों में हो रही है। इससे नवरात्र में खरीदारी लेन-देन निवेश और नए कामों की शुरुआत शुभ रहेगी। इन योगों का शुभ फल पूरे साल दिखेगा।देश के लिए सुख समृद्धि के साथ आर्थिक मजबूती और व्यापार बढ़ाने वाला रहेगा ।रेवती नक्षत्र और बुध से बड़े लेन-देन व निवेश के लिए पूरा साल शुभ रहेगा। प्रॉपर्टी के कारोबार में तेजी आएगी। वृहस्पति के कारण खरीदारी से सुख-समृद्धि बढ़ेगी। नए संवत्सर में ग्रहों की खगोलीय मंत्री परिषद के 10 विभागों में राजा और मंत्री सहित पांच विभाग पाप ग्रहों के पास तथा 5 शुभ ग्रहों के पास रहेंगे। इस वर्ष राजा-शनि, मंत्री गुरु, सस्पेश सूर्य, दुर्गेश बुध, धनेश-शनि, रसेश मंगल, धान्येश-शुक्र, नीरसेश-शनि, फलेश मेघेश-बुध होंगे।

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