हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए सावन के महीने को सबसे उत्तम माना जाता है। इस पूरे माह में शिव जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस बार सावन माह को बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इस साल सावन एक नहीं बल्कि दो माह का होने वाला है। ऐसा माना जा रहा है कि ये अद्भुद योग करीब 19 साल बाद बन रहा है। दरअसल हिंदी विक्रम संवत 2080 में इस साल एक अधिकमास पड़ रहा है। ऐसे में इस साल 12 महीने की बजाय कुल 13 महीने होंगे। वहीं सावन का महीना 30 नहीं बल्कि करीब 59 दिन का होने वाला है। यानी इस बार भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 4 के बजाय 8 सोमवार मिलेंगे।
सावन में भगवान शिव की उपासना से पूरी होती है मनोकामना
हिन्दू धर्म में सावन के बड़ा महत्व माना जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार एक नहीं दो महीने सावन के होंगे. सावन माह की शुरुआत 4 जुलाई से होगी और 31 अगस्त तक सावन मास रहेगा. इस बार सावन मास में 4 की बजाय 8 सोमवार आयेंगे. श्रद्धालु जो भगवान शिव की अराधना में सावन माह के सोमवार के व्रत रखते, उन्हें 8 सोमवार व्रत रखने होंगे.
देवों के देव महादेव भगवान शिव का पावन महीना सावन 2023 शुरू होने में केवल 2 महीने शेष हैं। इस बार सावन महीना बेहद ही खास होने वाला है। सावन 2023 में 4 सोमवार की जगह 8 सोमवार पड़ेगे। ऐसे में सावन माह का महत्व और भी बढ़ गया है। सावन को श्रावण मास भी कहा जाता है। श्रावण मास 2023 भगवान शिव की स्तुती का विशेष काल होता है। धार्मिक ग्रंथों में सावन के महीने का महत्व बताया गया है। सावन में जो भी भक्त भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करता है, उसकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं, सावन सोमवार के व्रत रखने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन आनंदमय हो जाता है।
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साल 2023 में कब-कब है सावन सोमवारी व्रत
सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई
सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
सावन का छठा सोमवार:14 अगस्त
सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त
सावन सोमवार का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सावन माह भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष काल माना गया है। सावन का पूरा महीना भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस पूरे माह भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना कर व्रत रखते हैं। सावन महीन में बड़ी तादाद में शिव भक्त शिवालयों में पहुंचते हैं और शिवलिंग पर जल के साथ-साथ बेलपत्र, धतूरा, शमी आदि अर्पित कर महादेव को रिझाते हैं। सावन में ही कांवड़ यात्रा प्रारंभ होती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त गंगा समेत पवित्र नदियों से जलकर लेकर आते हैं। इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। वहीं, सावन सोमवार का व्रत रखने से जीवन में सुख—समृद्धि के साथ सफलता आशीर्वाद मिलता है। अविवाहित कन्याओं के लिए भी सावन का महीना बेहद लाभदायक होता है। सावन सोमवारी का व्रत रखने से कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है।