अक्षय तृतीया का महत्व

अक्षय तृतीया को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म हुआ था। इसी दिन सूर्यदेव ने भी गंगा नदी को स्वर्ग से धरती पर उतारा था।

मान्यता है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य और पूजा-पाठ का फल अक्षय होता है, अर्थात कभी नष्ट नहीं होता। इस दिन सोना-चांदी खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है।

अक्षय तृतीया का पर्व इस बार 10 मई दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा, यह पर्व हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ व धार्मिक कार्यों का अक्षय फल मिलता है। साथ ही इस दिन शुभ व मांगलिक कार्य करने के लिए पंचांग देखने की जरूरत नहीं है। अक्षय तृतीया पर इस बार गजकेसरी योग, रवि योग समेत कई शुभ फलदायी योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व भी बढ़ गया है। अक्षय तृतीया पर वैसे तो कई शुभ कार्य किए जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे कार्य हैं, जिनको हर व्यक्ति को करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में मंगल ही मंगल और सुख-शांति बनी रहती है और पूरे साल धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है।

अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें और पीले फूल अर्पित करें और माता लक्ष्मी को सफेद व गुलाबी रंग के फूल अर्पित करें। इसके बाद घी के 9 दीपक जलाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें।

अक्षय तृतीया के दिन करें ये पाठ

अक्षय तृतीया के दिन विष्णु सहस्त्रनाम और श्री सूक्त का पाठ अवश्य करना चाहिए। साथ ही पास के किसी धार्मिक स्थल पर पूरे परिवार के साथ दर्शन करने भी अवश्य जाएं। ऐसा करने से आपके जीवन में धन, पद, यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। वहीं जो लोग किसी रोग से काफी लंबे समय से पीड़ित हैं, वे अक्षय तृतीया के दिन रामरक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।

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