Vikram Betaa विक्रम बेताल की कहानी “सर्वश्रेष्ठ वर कौन है” में, एक राजा की एक पुत्री है। राजकुमारी बहुत सुंदर और बुद्धिमान है। राजा अपनी पुत्री के लिए एक योग्य वर खोज रहे हैं।

एक दिन, तीन पुरुष राजकुमारी के पास विवाह के प्रस्ताव लेकर आते हैं। पहला पुरुष एक वीर योद्धा है, दूसरा पुरुष एक धनी व्यापारी है, और तीसरा पुरुष एक विद्वान ब्राह्मण है।

राजकुमारी तीनों पुरुषों से मिलती है और उनकी बातें सुनती है। उसे तीनों पुरुषों में से कोई भी पसंद नहीं आता है। वह सोचती है कि उसे ऐसा वर चाहिए जो उसे प्यार करे, उसकी परवाह करे, और उसे समझे।

राजकुमारी अपने पिता से कहती है कि वह किसी भी पुरुष से विवाह नहीं करना चाहती है। राजा बहुत निराश हो जाते हैं।

उसी रात, बेताल विक्रम को राजकुमारी के निर्णय के बारे में बताता है। विक्रम बेताल को अपने कंधे पर रखकर महल में ले जाते हैं।

Vikram Betaa बेताल विक्रम को एक कहानी सुनाता है। कहानी में, एक राजकुमारी एक वीर योद्धा से विवाह करती है। लेकिन, वीर योद्धा हमेशा युद्ध में व्यस्त रहता है। वह राजकुमारी को समय नहीं दे पाता है। राजकुमारी बहुत दुखी होती है।

कहानी सुनने के बाद, विक्रम बेताल से कहते हैं कि राजकुमारी का निर्णय सही है। वह किसी ऐसे पुरुष से विवाह नहीं करना चाहती है जो उसे प्यार नहीं करे।

बेताल विक्रम की बात से सहमत होता है। वह विक्रम को बताता है कि राजकुमारी के लिए सबसे अच्छा वर वह व्यक्ति है जो उसे प्यार करे, उसकी परवाह करे, और उसे समझे।

इस प्रकार, कहानी का नैतिक यह है कि प्रेम और समझ ही दो व्यक्तियों के बीच संबंधों का आधार हैं।

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