Vikram Betaal विक्रम बेताल की कहानियों में एक कहानी है जिसमें एक राजकुमारी है जिसे दो राजकुमारों ने अपना वर बनाना चाहा। एक राजकुमार बहुत धनी और शक्तिशाली था, जबकि दूसरा राजकुमार बहुत सुंदर और बुद्धिमान था। राजकुमारी दोनों राजकुमारों से प्यार करती थी और यह तय नहीं कर पा रही थी कि किसे अपना वर बनाना चाहिए।

एक दिन, राजकुमारी ने बेताल से सलाह मांगी। बेताल ने राजकुमारी को एक कहानी सुनाई और कहा कि कहानी के अंत में जो सवाल पूछा जाएगा, उसका जवाब राजकुमारी को यह तय करने में मदद करेगा कि किसे अपना वर बनाना चाहिए।

कहानी सुनने के बाद, राजकुमारी ने बेताल से कहा कि वह सवाल पूछे। बेताल ने पूछा, “असली वर कौन है?”

राजकुमारी ने कुछ देर सोचा और फिर कहा, “असली वर वह है जो मुझे सबसे अधिक खुशी दे सकता है।”

बेताल ने कहा, “तुमने सही उत्तर दिया है। असली वर वह है जो तुम्हें सबसे अधिक खुशी दे सकता है। धन और शक्ति से कोई फर्क नहीं पड़ता। यदि तुम किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करोगी जो तुम्हें खुश नहीं कर सकता, तो तुम जीवन भर दुखी रहोगी।”

राजकुमारी ने बेताल की बात मानी और उस राजकुमार से शादी की जो उसे सबसे अधिक खुशी दे सकता था। वह राजकुमार सुंदर और बुद्धिमान था, और वह राजकुमारी को बहुत प्यार करता था। राजकुमारी और राजकुमार बहुत खुशी से साथ रहे।

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि असली वर वह है जो हमें सबसे अधिक खुशी दे सकता है। धन और शक्ति से कोई फर्क नहीं पड़ता। यदि हम किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करते हैं जो हमें खुश नहीं कर सकता, तो हम जीवन भर दुखी रहेंगे।

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