Vikram Betaal वर्षों पहले नेपाल के शिवपुर नाम के एक नगर में यशकेतु राजा का राज हुआ करता था। वह बहुत साहसी और बलवान था। शादी के सालों बाद पत्नी चंद्रप्रभा से उसे एक बेटी शशिप्रभा हुई। शशिप्रभा बहुत सुंदर और गुणवान थी।

एक दिन, राजा यशकेतु को एक युद्ध में भाग लेना पड़ा। वह अपनी बेटी शशिप्रभा को अपने मंत्री के घर छोड़कर गए। मंत्री के घर में एक नौकर मनस्वामी भी काम करता था। मनस्वामी शशिप्रभा से प्यार करने लगा।

एक दिन, मनस्वामी ने शशिप्रभा को बताया कि वह उससे प्यार करता है। शशिप्रभा भी मनस्वामी से प्यार करने लगी। दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर शादी कर ली।

युद्ध से लौटने पर, राजा यशकेतु को पता चला कि शशिप्रभा की शादी हो चुकी है। वह बहुत क्रोधित हुए। उन्होंने शशिप्रभा को घर से निकाल दिया।

Vikram Betaal शशिप्रभा और मनस्वामी एक गाँव में रहने लगे। वे बहुत खुश थे। एक दिन, राजा यशकेतु ने शशिप्रभा और मनस्वामी को खोज लिया। उन्होंने शशिप्रभा को वापस घर ले जाने की कोशिश की।

शशिप्रभा ने राजा यशकेतु से कहा कि वह मनस्वामी से प्यार करती है और उसे छोड़ना नहीं चाहती। राजा यशकेतु ने शशिप्रभा को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी।

राजा यशकेतु ने शशिप्रभा को एक चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर शशिप्रभा यह बता सकती है कि वह किसकी पत्नी है, तो वह उसे मनस्वामी के साथ रहने देगा।

शशिप्रभा ने राजा यशकेतु की चुनौती स्वीकार कर ली। वह राजा यशकेतु के साथ चली गई।

राजा यशकेतु ने शशिप्रभा को एक जंगल में ले जाया और उसे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि अगर शशिप्रभा 24 घंटे के भीतर वापस आ सकती है, तो वह उसे मनस्वामी के साथ रहने देगा।

शशिप्रभा जंगल में भटकने लगी। वह बहुत थकी हुई और भूखी थी। तभी, उसे एक बेताल मिला। बेताल ने शशिप्रभा को अपनी पीठ पर बैठाया और उसे राजा यशकेतु के महल तक ले गया।

शशिप्रभा ने राजा यशकेतु को बताया कि वह मनस्वामी की पत्नी है। राजा यशकेतु को शशिप्रभा का जवाब पसंद नहीं आया। उन्होंने शशिप्रभा को एक और चुनौती दी।

राजा यशकेतु ने कहा कि अगर शशिप्रभा यह बता सकती है कि एक स्त्री के तीन पति कैसे हो सकते हैं, तो वह उसे मनस्वामी के साथ रहने देगा।

शशिप्रभा ने राजा यशकेतु की चुनौती स्वीकार कर ली। वह राजा यशकेतु के साथ चली गई।

राजा यशकेतु ने शशिप्रभा को एक कमरे में बंद कर दिया और कहा कि अगर वह 24 घंटे के भीतर वापस आ सकती है, तो वह उसे मनस्वामी के साथ रहने देगा।

शशिप्रभा ने कमरे में ही सोचने-समझने लगी। उसे एक जवाब मिला। उसने एक पत्र लिखा और उसे एक चिड़िया को दे दिया। चिड़िया पत्र लेकर राजा यशकेतु के पास पहुंची।

राजा यशकेतु ने पत्र पढ़ा। पत्र में लिखा था कि एक स्त्री के तीन पति हो सकते हैं। पहला पति वह है जिससे वह शादी करती है। दूसरा पति वह है जिससे वह प्यार करती है। और तीसरा पति वह है जिसे वह अपने पति मानती है।

राजा यशकेतु को शशिप्रभा का जवाब पसंद आया। उन्होंने शशिप्रभा को मनस्वामी के साथ रहने की अनुमति दे दी।

शशिप्रभा और मनस्वामी बहुत खुश थे। वे राजा यशकेतु के साथ रहने लगे। राजा यशकेतु भी शशिप्रभा और मनस्वामी के प्रेम को देखकर खुश थे।

कहानी से सीख :

छल-कपट से किया गया प्रयास असफलता का कारण बनता है।

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