शनि प्रदोष व्रत कथा | Shani Pradosh Vrat Katha in Hindi

शनि प्रदोष व्रत कथा Shani Pradosh Vrat Katha

एक समय की बात है। एक नगर में एक सेठ रहता था। वह बहुत धनी और दयालु था। वह दूसरों की मदद करने में हमेशा तत्पर रहता था। लेकिन सेठ और उसकी पत्नी को कोई संतान नहीं थी। इससे वे दोनों बहुत दुखी थे।

एक दिन, सेठ और उसकी पत्नी तीर्थयात्रा पर गए। रास्ते में उन्हें एक साधु मिले। साधु ने सेठ और उसकी पत्नी को शनि प्रदोष व्रत करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस व्रत को करने से उनके संतान प्राप्ति की कामना पूरी होगी।

सेठ और उसकी पत्नी ने साधु की बात मान ली और शनि प्रदोष Shani Pradosh व्रत करने लगे। व्रत के दौरान वे नियमपूर्वक पूजा-पाठ करते थे और शनि देव की वंदना करते थे।

श्री शनिदेव चालीसा Sri Shani Dev Chalisa

कुछ समय बाद, सेठ की पत्नी को एक पुत्र हुआ। सेठ और उसकी पत्नी बहुत खुश हुए। उन्होंने पुत्र का नाम शंकर रखा।

शंकर एक बुद्धिमान और कर्मठ व्यक्ति था। उसने अपने माता-पिता की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। शंकर के जन्म से सेठ और उसकी पत्नी की सभी समस्याएं दूर हो गईं। वे दोनों सुखपूर्वक रहने लगे।

शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि SHANI PRADOSH BRAT KI PUJA BIDHI

शनि प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है। पूजा के लिए सबसे अच्छा समय शाम 4:30 बजे से 7:00 बजे तक का होता है।

पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • शनि देव की मूर्ति या तस्वीर
  • रोली
  • अक्षत
  • फूल
  • धूप
  • दीप
  • नैवेद्य (फल, मिठाई, आदि)

पूजा विधि: PUJA BIDHI

  1. सबसे पहले, पूजा स्थल को साफ करें।
  2. शनि देव की मूर्ति या तस्वीर को चौकी पर स्थापित करें।
  3. शनि देव को रोली, अक्षत, फूल, धूप, और दीप अर्पित करें।
  4. शनि देव के मंत्रों का जाप करें।
  5. शनि प्रदोष व्रत कथा सुनें।
  6. शनि देव से अपने कष्टों से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना करें।
  7. पूजा के बाद, प्रसाद वितरित करें।

शनि प्रदोष व्रत का महत्व SHANI PRADOSH BRAT KA mahatv

शनि प्रदोष Shani Pradosh व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। वे अच्छे और बुरे दोनों कर्मों का फल देते हैं। शनि प्रदोष व्रत करने से शनि देव के क्रोध से मुक्ति मिलती है। साथ ही, इस व्रत को करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।

शनि प्रदोष व्रत करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
  • शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
  • सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त होती है।

शनि प्रदोष व्रत के नियम SHANI PRADOSH BRAT KE NIYAM

शनि प्रदोष Shani Pradosh व्रत को करने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:

  • व्रत से एक दिन पहले से ही सात्विक भोजन करना चाहिए।
  • व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
  • व्रत के दौरान दिनभर उपवास रखना चाहिए।
  • शाम को शनि देव की पूजा करनी चाहिए।
  • पूजा के बाद व्रत खोलना चाहिए।

शनि प्रदोष व्रत करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

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